राज्यसभा में हंगामे के कारण कार्यवाही ठप
नई दिल्ली ,06 फरवरी (आरएनएस)। संसद के बजट सत्र में पांचवे दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं हो सकी। जहां लोकसभा की कार्यवाही बुधवार बीजद के सांसद लाडू किशोर स्वैन के निधन के कारण श्रद्धांजलि देने के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर हुए हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन क लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि राज्यसभा में हंगामे के दौरान ही एक विधेयक पेश कराने के साथ राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा को शुरू करा दिया गया।
बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा के मौजूदा बीजद सांसद लाडू किशोर स्वैन के निधन की सूचना दी और बताया कि 71 वर्षीय स्वैन का बुधवार सुबह भुवनेश्वर में निधन हो गया। वह किडनी संबंधी बीमारी से पीडि़त थे। इसके बाद सदस्यों ने कुछ पल का मौन रखकर अपने दिवंगत साथी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा
राज्यसभा में एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरु होने पर सपा के रामगोपाल यादव ने आरक्षण मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। इसी दौरान सपा, बसपा, राजद और तृणमूल कांग्रेस आदि के सदस्य नारेबाजी करते हुये आसन के समीप आ गये। हंगामे के दौरान ही गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने आसन की अनुमति से संविधान 125वां संशोधन विधेयक 2019 सदन पटल पर पेश किया। हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने रामगोपाल यादव से आरक्षण का मुद्दा गुरुवार को शून्यकाल में उठाने का अनुरोध करते हुये राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेने की अपील की और भूपेन्द्र यादव ने चर्चा को शुरू भी किया लेकिन हंगामे के कारण स्थगित हुई कार्यवाही के कारण वह अधूरा रही रह गया। जब कि सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि यह देश की 85 प्रतिशत आबादी से जुड़ा मुद्दा है और यह दुख की बात है कि सरकार में पिछड़ी जातियों के ही लोग इस में अड़ंगा लगा रहे हैं। बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और कई अन्य सदस्यों ने कहा कि सरकार ने रोस्टर प्रणाली को लागू नहीं करने का आश्वासन दिया था लेकिन इसके बावजूद पिछले कुछ दिनों में शिक्षण संस्थाओं में विवादित आरक्षण पद्धति से ही रिक्त पदों को भरने के लिये आवदेन जारी किये गये हैं। इसके जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्थिति को स्पष्ट करते हुये कहा कि यह मामला अभी अदालत के समक्ष विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विशेष अनुमति याचिका और पुनर्विचार याचिका दायर की जायेगी। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति, अनसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण पर आंच नहीं आने देगी। इसके बाद भी नारेबाजी नहीं थमने पर उपसभापति ने कहा कि हंगामे के कारण सदन की बैठक का सुचारु हो पाना संभव नहीं है। उन्होंने बैठक को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।
अवकाश लेने पर नायडू की नसीहत
इससे पहले बुधवार को सुबह 11 बजे राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सपा के रामगोपाल यादव, राजद के मनोज झा, कांग्रेस के रिपुन बोरा सहित पांच सदस्यों के नोटिस मिले हैं। इसी दौरान सपा सदस्यों ने उच्च शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली का मुद्दा उठाया। सभापति ने सपा सदस्यों से कहा कि उनकी बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी। कांग्रेस के रिपुन बोरा ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक का मुद्दा उठाया। पार्टी के सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया। सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की बैठक चलने देने का अनुरोध किया। लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब छह मिनट पर ही बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले उन्होंने सदन को सूचित किया कि सपा के बेनी प्रसाद वर्मा और केरल कांग्रेस के जोस के मणि ने वर्तमान सत्र से अवकाश मांगा है। सदन की अनुमति से उन्होंने दोनों सदस्यों को अवकाश की मंजूरी दे दी।
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