ममता बनर्जी के आंदोलन में विपक्ष एकजुट: डेरेक

नई दिल्ली ,04 फरवरी (आरएनएस)। तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता में सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरना प्रदर्शन को सभी विपक्षी दलों का समर्थन होने का दावा करते हुये सोमवार को कहा कि देश के संघीय ढांचे और संविधान के संरक्षण के लिये समूचा विपक्ष एकजुट है।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को बताया कि रविवार से जारी बनर्जी के प्रदर्शन को 22 विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, राजद के तेजस्वी यादव, तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने बनर्जी से बात कर इस मुद्दे पर अपना समर्थन व्यक्त किया है। उन्होंने धरना स्थल पर बनर्जी के साथ कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की मौजूदगी पर उठ रहे विवाद के बारे में स्पष्ट किया कि यह तृणमूल कांग्रेस का आंदोलन नहीं है बल्कि राज्य में प्रशासनिक सुदृढ़ता के लिये मुख्यमंत्री का धरना प्रदर्शन है। इसलिये प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से एकजुटता व्यक्त करने के लिये कुमार धरना स्थल पर मौजूद थे। ब्रायन ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं ने आंदोलन में शिरकत करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि केजरीवाल, नायडू, तेजस्वी यादव और द्रमुक की कनिमोई कोलकाता जा रहे हैं। सपा के प्रतिनिधि के रूप में पार्टी के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा आंदोलन में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं। इस मुद्दे पर लोकसभा में बीजद द्वारा भी सत्तापक्ष के रुख की आलोचना करने का हवाला देते हुये ब्रायन ने कहा कि इससे बनर्जी द्वारा उठाये गये इस मुद्दे की गंभीरता का पता चलता है। पार्टी के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर सदन में तथ्यों को छुपाने का आरोप लगाते हुये कहा कि सीबीआई ने पुलिस आयुक्त कुमार के खिलाफ अदालत के आदेश का उल्लंघन कर कार्रवाई की। कल्याण बनर्जी ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कुमार के खिलाफ जारी समन पर 13 फरवरी तक के लिये स्थगन आदेश जारी किया था। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने लोकसभा में अपने बयान में इस तथ्य को छुपाया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुये कुमार के खिलाफ कार्रवाई की। यह संविधान और संघीय ढांचे के विरुद्ध है और राज्य सरकार की प्रशासनिक प्रमुख होने के नाते मुख्यमंत्री बनर्जी ने इसका विरोध करते हुये आंदोलन शुरू किया है।
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