पटना में कांग्रेस की रैली : 30 मिनट के संबोधन में वादों की झड़ी लगा गए राहुल
पटना ,03 फरवरी (आरएनएस)। राहुल गांधी ने केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के साथ ही देश के हर गरीब को मिनिमम आय की गारंटी देने की भी घोषणा कर दी साथ ही कहा कि भारत पहला देश होगा जहां देश के हर गरीब के खाते में पैसा दिया जाएगा.
पटना में तीस साल बाद कांग्रेस की रैली हुई तो राहुल गांधी ने भी लोगों को भी निराश नहीं किया. लगभग आधे घंटे के संबोधन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष न केवल केंद्र और बिहार की सरकार पर बरसे बल्कि वादों की झड़ी भी लगा गए. वादों में अगर फैक्ट्री लगाने से लेकर खाते में पैसे डालने तक का वादा था जन आकांक्षा रैली का आयोजन राष्ट्रीय कांग्रेस ने गांधी मैदान में किया । इस मे राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा 2019 के लोक सभा का चुनाव महा गठबंधन के साथ लड़ा जाएगा । जिसमे तेजस्वी यादव जीता राम मांझी शरद यादव उपेंद्र कुशवाहा के साथ मिलकर रणनीति बनायेगे और मोदी को सत्ता से बाहर करेंगे । मेरी सरकार दिल्ली में आती है तो मैं किसान का कर्ज माफ करूंगा साथ ही साथ सभी गरीब गुरबों को न्यूमतन गारंटी योजना के तहत एक मुश्त राशि उनके खाता में देने का काम करूंगा साथ ही साथ उन्होंने घोषणा किया कि पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दूंगा । मैं जो कहता हूँ उसे पूरा भी करता हूँ राहुल गांधी नर आगे कहा कि तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष एक सच्चे और ईमानदार व्यक्तरूत के घनी है । बिहार विधान सभा का चुनाव मांझी जी शरद यादव उपेंद्र कुशवाहा के साथ मिलकर लड़ा जाएगा । इस महती सभा को तेजस्वी यादव प्रतिपक्ष शरद यादव जीता राम मांझी शकील अहमद खान अमिता भूषण विधायक बेगूसराय छत्तीसघर के मुख्य मंत्री राजस्थान के मुख्यमंत्री मदन मोहन झा अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस शदानंद सिंह इत्यादि ने सभा को संबोधित एवं स्वागत किया । अंत मे श्री राहुल गांधी ने सभा से अपील किया कि एक भी वोट भाजपा को नही जाना चाइये । देश और संविधान खतरे में है तो इसके साथ ही 2019 और 2020 दोनों साल की जंग को भी जीतने का इरादा था. हाल ही में तीन राज्यों का चुनाव जीतने के बाद राहुल की शारीरिक परिभाषा काफी सकारात्मक रही और वो हर दूसरी बात में उन तीन प्रदेशों यानि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश का उदाहरण देते रहे. राहुल के भाषण की शुरूआत कांग्रेस की रैली में आई भीड़ से हुई जिसके लिए उन्होंने आयोजकों को धन्यवाद कहा. इसके बाद राहुल ने एक-एक कर के बिहार के लोगों के लिए वादों की झड़ी लगा दी. राहुल गांधी ने केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के साथ ही देश के हर गरीब को मिनिमम आय की गारंटी देने की भी घोषणा कर दी साथ ही कहा कि भारत पहला देश होगा जहां देश के हर गरीब के खाते में पैसा दिया जाएगा. राहुल ने कहा कि जल्द ही देश में और बिहार में कांग्रेस की सरकार आने वाली है. राहुल ने तीन राज्यों में किए गए काम का बखान करते हुए कहा कि छत्?तीसगढ़, मध्?यप्रदेश और राजस्?थान में हमने वो काम किया जो वहां कि सरकारों ने कभी नहीं किया था. राहुल ने पटना में कहा कि देश में जो काम किसी सरकार ने नहीं किया है वो काम हम कर के दिखाएंगे. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हर आदमी के खाते में 15 लाख रुपये मिलेगें लेकिन मिल गए क्?या? लेकिन हम हर गरीब व्?यक्ति को न्?यूनतम आय की गारंटी देंगे, हर आदमी के खाते में पैसा डालकर दिखाएगी.राहुल ने पटना की सभा में तीन राज्यों में किए गए कामों और वहां की जनता की प्रशंसा की और तीन राज्यों में मिली जीत को किसानों और युवाओं की जीत बताया. राहुल ने पूरा भरोसा जताया कि महागठबंधन बिहार में सभी सीटों पर चुनाव जीतेगा.पटना में आयोजित जन आकांक्षा रैली में राजद एक बार फिर से कांग्रेस के पास होकर भी दूर दिखी. गांधी मैदान के मंच से दोनों पार्टियों के बड़े नेता यानि राहुल और तेजस्वी ने एद दूसरे की काबिलियत को लेकर खूब कसीदे गढ़े लेकिन नेतृत्व को लेकर किसी ने पत्ते नहीं खोले.दिल्ली से दोनों नेता फ्लाइट से एक साथ ही पहले पटना और फिर मंच पर पहुंचे इस दौरान दोनों की बॉडी लैंग्वेज काफी सकारात्मक रही. मंच पर संबोधन की बारी पहले तेजस्वी की थी जिन्होंने खुले मंच से राहुल गांधी और कांग्रेस की प्रशंसा की. तेजस्वी ने यहां तक कह दिया कि राहुल पीएम मैटेरियल हैं यानि उनमें पीएम बनने के सारे गुण हैं लेकिन ये नहीं बोले कि उनके ही नेतृत्व में हम 2019 की जंग लड़ेंगे. तेजस्वी ने कांग्रेस को लगे हाथों कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और कांग्रेस की जिम्मेदारी आज बड़ी है. इशारा साफ था कि तेजस्वी ये कह रहे हैं कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी के साथ ही आगे बढ़े. तेजस्वी के संबोधन के बाद बारी राहुल की थी तो राहुल ने भी मौका नहीं छोड़ा और तेजस्वी की जमकर तारीफ की. राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव की बड़ाई करते हुए कहा कि तेजस्वी मेहनती और साफ छवि के नेता हैं. तेजस्वी ना झूठ बोलते हैं और न ही मेहनत से पीछे हटते हैं लेकिन ये नहीं कहा कि बिहार की 40 सीटों पर लीड कौन करेगा.अपने आधे घंटे के संबोधन में राहुल ने कहा कि गठबनधन की सरकार बनेगी, और लोकसभा की सभी सीटें गठबंधन को ही मिलेगी. इसके साथ ही राहुल ने कहा कि बिहार में भी कांग्रेस फ्रंट फुट पर खेलेगी. तेजस्वी माँझी कुशवाहा के साथ मिलकर फ्रंट फुट से खेलेंगे. बिहार में भी एनडीए को उखाड़ फेकेंगे.रैली में दोनों नेताओं के अलावा महागठबंधन के अन्य सहयोगियों ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा लेकिन किसी ने न तो लोकसभा और न ही 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में नेतृत्व को लेकर अपने पत्ते खेले.
राहुल गांधी के नेतृत्व में फ्रंट फुट पर खेलेगा महागठबंधन !
तीन दशक बाद रविवार को कांग्रेस ने पटना में रैली की. पार्टी के बढ़ते ग्राफ और महागठबंधन की राजनीति के बीच इस रैली का खास महत्व था. इस मंच पर शरद यादव, तेजस्वी यादव, जीतनराम मांझी , मुकेश सहनी समेत गठबंधन के कई नेता भी मौजूद रहे. इसी मंच से संबोधन के दौरान आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ये कहा कि राहुल गांधी में पीएम बनने के सारे गुण मौजूद हैं. यह भी कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और सबको साथ लेकर चलने में उसकी जिम्मेदारी बड़ी है. इसी मंच से राहुल गांधी ने भी साफ कर दिया कि बिहार में भी कांग्रेस पार्टी तेजस्वी, मांझी और कुशवाहा के साथ फ्रंट फुट पर खेलेगी और एनडीए को उखाड़ फेंकेगी.
जाहिर है राहुल गांधी ने भी वही बात दोहराई है जो बिहार में कांग्रेस के नेता कई हफ्तों से लगातार कहते आ रहे हैं. यानि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत के बाद कांग्रेस के हौसले में जो बढ़ोतरी हुई है उसे बिहार में भी बढ़ाए रखना चाहती है. उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश यादव की मांगों के आगे न झुकते हुए कांग्रेस ने पहले ही ये संकेत दे दिया है कि वह एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसे कोई आंख नहीं दिखा सकता है.
हालांकि बिहार के मामले में थोड़ा पेच फंसा हुआ है. दरअसल कांग्रेस यहां 15 सीटों पर चुनाव लडऩे की बात कर रही है. जाहिर है शरद यादव, उपेन्द्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी की महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए यह आसान नहीं लगता. वहीं आरजेडी जिस 20-20 फॉर्मूले (20 सीटों पर आरजेडी और बाकी 20 में अन्य दल) पर आगे बढ़ रही थी वह भी लागू हो पाना संभव नहीं लगता.
गौरतलब है कि पहले आरजेडी -20, कांग्रेस-8, मांझी-4, कुशवाहा-4, शरद यादव- 2 और मुकेश सहनी- 2 सीटों पर बात हो रही थी. इस फॉर्मूले में यह भी कंडीशन था कि मांझी को 2 सीटें और 2 सीटें वाम दलों को दे दी जाए. लेकिन विश्वस्त सूत्रों के अनुसार तीन राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस 15 सीटें मांग रही है. जाहिर है ऐसे में आरजेडी के सामने सभी को साधने की बड़ी चुनौती आ गई है.अगर वह कांग्रेस की बातों पर राजी होती है तो उसे अपनी सीटें छोडऩी पड़ेंगी, फिर भी गठबंधन के बाकी दलों की मांगें पूरी नहीं की जा सकतीं. ऐसे में तेजस्वी यादव का ये कहना कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और उसे ही सबको साथ लेकर चलना है, का मतलब साफ समझ में आ जाता है. जाहिर तौर पर तेजस्वी ने ऐसा कहकर बॉल कांग्रेस के पाले में डालने की कोशिश की है. तेजस्वी ने अपनी पार्टी का स्टैंड साफ कर दिया है और यह इशारा कर दिया है कि कांग्रेस अपनी 15 सीटों की मांग से पीछे हटे. वहीं कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस बराबरी का फॉर्मूला पेश कर रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस-आरजेडी 15-15 सीटों पर लड़े और बाकी सीटों पर अन्य घटक दल अपने उम्मीदवार खड़े करें. ठीक उसी तर्ज पर जैसे जेडीयू-बीजेपी के बीच 17-17 का फॉर्मूला सेट किया गया है और शेष सीटें एलजेपी को दी गई हैं. बहरहाल सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन के घटक दलों के नेता लालू यादव और दिल्ली दरबार तक दौड़ लगा चुके हैं. लेकिन आखिरी फैसला नहीं हुआ है. जाहिर तौर पर सीटों के बंटवारे और उसके चयन को लेकर महागठबंधन के दलों में एका नहीं नजर आ रहा है. ऐसे में राहुल गांधी के तेजस्वी और लालू यादव के साथ फ्रंट फुट पर खेलने और छक्का लगाने के बयान के मायने तलाशे जा रहे हैं.
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