सीजेडए ने पर्यावरण मंत्रालय को ठहराया जिम्मेदार
नई दिल्ली ,20 जनवरी (आरएनएस)। देश भर के चिडिय़ाघरों को विनियमित करने वाली सांविधिक प्राधिकरण केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने दिल्ली चिडिय़ाघर में घोर अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर पर्यावरण मंत्रालय को दोषी ठहराया है। आधिकारिक दस्तावेजों में यह जानकारी सामने आयी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष आठ जनवरी को दायर एक हलफनामे में कहा गया कि चिडिय़ाघर के कुछ अधिकारी, जिन्होंने अनियमितताओं की ओर इशारा किया था, ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें ही इस मामले में आरोपी के तौर पर घसीटा गया और उन्हें परेशान किया गया। सीजेडए ने हलफनामे में कहा कि राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली चिडिय़ाघर) में हाल ही में हुई घटनाएं, जो केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण के संज्ञान में आई हैं, चौंकाने वाली है और यह देश के किसी भी चिडिय़ाघर में कल्पनीय और स्वीकार्य नहीं है, कोई सपने में भी नहीं सोच सकता है कि यह सब देश के किसी राष्ट्रीय चिडिय़ाघर में हो रहा है, जिसे राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में जाना जाता है। यह हलफनामा पर्यावरण कार्यकर्ता अजय दुबे की एक जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया था, जिसमें दिल्ली चिडिय़ाघर में कथित अनियमितताओं पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो या किसी अन्य सक्षम एजेंसी द्वारा जांच कराने की मांग की गई थी। दुबे की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अगस्त 2017 में इस मामले को देखने के लिए एक समिति का गठन किया था। सीजेडए ने कहा कि जांच पैनल को चिडिय़ाघर के अधिकारियों और कर्मचारियों से सहयोग नहीं मिला। हलफनामे में कहा गया कि किसी तरह से जांच पूरी की गई और इसके निष्कर्ष मंत्रालय को पिछले साल अप्रैल में सौंपे गए। जांच में पाया गया कि मॉनिटर लिजार्ड (गोह) को अवैध रूप से (बाहर से) पकड़ा गया और जानवरों के प्रकोष्ठ (चिडिय़ाघर के अंदर) में छोड़ा गया। सीजेडए ने कहा कि दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर यह पाया गया कि चिडिय़ाघर में कई जानवरों की मौत को राष्ट्रीय प्राणी उद्यान अधिकारियों द्वारा दबा दिया गया। मृत जानवरों को बाद में अवैध रूप से पकड़े गये जानवरों के साथ बदल दिया गया।ÓÓ उसमें कहा गया कि चिडिय़ाघर से आठ कछुए और तीन रेड सैंड बोआ सांप गायब थे। जांच रिपोर्ट में कहा गया था, ”चिडिय़ाघर के जानवरों से संबंधित रिकॉर्ड में हेरफेर किया गया है।ÓÓ सीजेडए ने मंत्रालय को इन घटनाओं से अवगत कराया और इस मामले में उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की। सीजेडए ने अपने हलफनामे में कहा कि हालांकि राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में सामने आयी इन अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।दुबे ने कहा कि दिल्ली चिडिय़ाघर में अनियमितताओं की जाँच के लिए केंद्र सरकार को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
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