भाजपा की बढ़ी मुश्किलें : हार का ठीकरा फोडऩे से भड़के कार्यकर्ता
रायपुर, 19 जनवरी (आरएनएस)। विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार और मंथन के बाद हार का ठीकरा कार्यकर्ताओं पर फोडऩा भाजपा नेताओं को महंगा पड़ सकता है। देश में आम चुनाव होने वाले हैं, राजनीतिक दलें इसकी तैयारियों में जुट चुके हैं, ऐसे समय में राज्य की भाजपा में बगावत के सुर तेज हो गए हंै।
राज्य की भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को लेकर मंथन किया। बैठक में संगठन के नेताओं ने चुनाव में मिले पराजय का दोष सीधे-सीधे राज्य के भाजपा कार्यकर्ताओं के सिर मढ़ दिया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि कार्यकर्ताओं के काम नहीं करने तथा चुनाव को गंभीरता से नहीं लेने के कारण ही राज्य में भाजपा को बुरी तरह से पराजय का मुंह देखना पड़ा। दूसरी ओर भाजपा के ही कुछ नेताओं ने इसका जोरदार विरोध दर्ज करा दिया है। राज्य के पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने हाल ही में एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य के किसानों के पैसों से सरकार मोबाइल बांटने में मगन रही, किसानों से किए गए वायदे पूरे नहीं किए गए, इसके चलते ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर कुछ भाजपा नेताओं ने तो राज्य के पूर्व मुखिया पर ही दोष मढ़ते हुए यहां तक कह दिया कि शासन में रहते हुए केवल अफसरों को महत्व दिया गया, संगठन और पदाधिकारियों को कोई महत्व ही नहीं दिया गया। ऐसे में कार्यकर्ताओं की पूछपरख नहीं की गई, जिसका खामियाजा चुनाव में करारी हार के रूप में पार्टी को चुकाना पड़ा है। कुल मिलाकर इस समय राज्य की भारतीय जनता पार्टी के सामने विकट स्थिति निर्मित हो गई है। भाजपा के हजारों-लाखों कार्यकर्ता जहां नेताओं के उपेक्षापूर्ण व्यवहार और बयान से आहत हैं तो वहीं भाजपा के नेेता भी कार्यकर्ताओं की तरह आहत हैं। जबकि दूसरी ओर देश में आम चुनाव अब निकट हैं, राजनीतिक दलें चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं, वहीं भाजपा में अभी भी खींचतान का दौर चल रहा है। ऐसे में राज्य की सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशी तय करने, उनके पक्ष में प्रचार करने के लिए गिने-चुने चेहरे भी सामने हैं, जबकि भाजपा के कार्यकर्ता पार्टी से बुरी तरह से चिढ़े हुए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी जायज है, क्योंकि निर्दोष होते हुए भी इन्हीं कार्यकर्ताओं के सिर पर हार का ठिकरा फोड़ दिया गया है।