ऑपरेशन लोटस को ले कर जल्दबाजी में नहीं भाजपा

नई दिल्ली ,15 जनवरी (आरएनएस)। कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार को गिराने केलिए तैयार किए गए ऑपरेशन लोटस को अमलीजामा पहनाने को ले कर भाजपा जल्दबाजी में नहीं। सूबे में दो निर्दलीय विधायकों का सरकार से समर्थन खींचने के बाद पार्टी को कांग्रेस में बड़ी टूट का इंतजार है। इस समय कांग्रेस के 5 विधायक भाजपा के संपर्क में है। फिलहाल किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए पार्टी को कम से कम दो और विधायकों की बगावत का इंतजार है।
दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद वर्तमान में 225 सदस्यीय विधानसभा में कुमारस्वामी सरकार को 117 विधायकों का समर्थन हासिल है। यह आंकड़ा बहुमत से चार ज्यादा है। माना जा रहा है कि फिलहाल 5 विधायक भाजपा केसंपर्क में हैं। ऐसे में अगर भाजपा इन 5 विधायकों को साध कर अविश्वास प्रस्ताव पेश करती है तो बात बन जाएगी। मगर इसमें खतरा यह है कि एक ठीक समय में एक भी बागी विधायक ने पाला बदला तो भाजपा को लेने के देने पड़ जाएंगे। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व कम से कम सत्ताधारी दल के दो-तीन और विधायकों की बगावत का इंतजार कर रहा है।
दरअसल भाजपा नेतृत्व को पता है कि ऑपरेशन लोटस को अमलीजामा पहनाने में अगर चूक हुई तो लोकसभा चुनाव में पार्टी को फजीहत का सामना करना पड़ेगा। इसलिए नेतृत्व चाहता है कि कुमारस्वामी सरकार पर ऐसे समय धावा बोला जाय जब रत्ती भर भी चूक की गुंजाइश न बचे। चूंकि पार्टी दो वर्ष पूर्व गुजरात राज्यसभा चुनाव में अतिआत्मविश्वास के कारण कांग्रेस महासचिव अहमद पटेल से मात खाने के बाद आलोचनाओं का शिकार हो चुकी है। इसलिए पार्टी इस मामले में कोई खतरा नहंी उठाना चाहती।
गुरुग्राम में अपने विधायकों को लाने का कारण
पार्टी ने पूरी तरह साोची समझी राजनीति के तहत अपने 104 विधायकों को गुरुग्राम के रिजॉर्ट में रखा है। इस मामले में पार्टी को जहां एक ओर कांग्रेस-जेडीएस के पलटवार का अंदेशा है, वहीं इससे यह सियासी धारणा भी बन रही है कि राज्य में विधायकों के तोडफ़ोड़ में कांग्रेस-जेडीएस भी लगी हुई है।
संकटमोचक डी शिवकुमार ने बढ़ाई परेशानी
कांग्रेस केलिए कई बार संकटमोचक बन चुके वरिष्ठï नेता डी शिवकुमार की सरकार में शामिल विधायकों की निगरानी से दूसरे कैंप में चिंता है। कांग्रेस के पांच विधायकों केअचानक मुंबई में गायब होने के बाद सरकार बचाने की कमान शिवकुमार को मिल गई है। शिवकुमार अपनी पार्टी केबाकी विधायकों पर ही नहीं कुमारस्वामी सरकार को समर्थन देने वाले बसपा विधायक पर भी निगार रखे हुए हैं। जबकि भाजपा की केपीजेपी और निर्दलीय के एक-एक विधायकों को तोडऩे केबाद बसपा विधायक पर निगाह है।
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