आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता:सुषमा

नई दिल्ली ,09 जनवारी (आरएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बात पर जोर देते हुए कि आतंकवाद के मौजूदा खतरे से कोई भी देश सुरक्षित नहीं है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना समय की मांग है कि आतंकवाद और उसका इस्तेमाल करने वालों को कतई बर्दाशत नहीं किया जाए।
सुषमा स्वराज ने बुधवार को यहां ‘रायसीना डायलॉगÓ में कहा कि बहुपक्षवाद में अटूट आस्था के जरिए भारत ना केवल अपने बल्कि विश्वभर के लोगों के लिए न्याय, अवसरों और समृद्धि की बात करता है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए, परिवर्तन केवल घरेलू एजेंडा नहीं बल्कि वैश्विक दृष्टिकोण है। स्वराज ने विश्व के समक्ष पेश होने वाली ‘महत्वपूर्ण चुनौतियोंÓ पर बात करते हुए कहा कि इसमें सबसे पहले आतंकवाद आता है। स्वराज ने कहा कि ऐसा समय था जब भारत ने आतंकवाद पर बात की और कई वैश्विक मंचों पर इसे कानून एवं व्यवस्था के मुद्दे के तौर पर देखा गया। आज कोई भी बड़ा या छोटा देश मौजूदा खतरों विशेषकर राष्ट्रों द्वारा सक्रिय तौर पर समर्थित एवं प्रायोजित आतंकवाद से सुरक्षित नहीं है।उन्होंने कहा कि इस डिजिटल युग में कट्टरपंथी विचारों में वृद्धि के चलते आतंकवाद द्वारा उत्पन्न चुनौती और बढ़ गई हैं। भारत ने 1996 में संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा था कि अंतररष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक सम्मेलन आयोजित किया जाए लेकिन आज भी यह केवल मसौदा बना हुआ है क्योंकि सभी राष्ट्र आतंकवाद की एक आम परिभाषा पर सहमत नहीं हो पाए हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना समय की मांग है कि आतंकवाद और सुविधा के अनुसार उसका इस्तेमाल करने वालों को कतई बर्दाशत नहीं किया जाएगा।उन्होंने कहा कि सामूहिक विनाश के लिए हथियारों का प्रसार और जलवायु परिवर्तन भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष मौजूद मुख्य चुनौतियां हैं।
राक्षस की तरह पैर पसार रहा है आतंकवाद: बिपिन रावत
इस ‘रायसीना डायलॉगÓ में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि आतंकवाद को देश जब तक सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा देते रहेंगे, तब तक यह मौजूद रहेगा। सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद अब कई सिर वाले राक्षस की तरह अपने पैर पसार रहा है। अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर जवाब देते हुए जनरल रावत ने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत होनी चाहिए, लेकिन यह बिना किसी शर्त के हो। उन्होंने कहा कि आतंकवाद युद्ध का एक नया तरीका बन रहा है। जनरल रावत ने कहा कि सोशल मीडिया कट्टरपंथ के प्रसार का स्रोत बन रहा है, इसलिए इसे नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आतंकवाद को युद्ध का एक नया तरीका बताते हुए बुधवार को कहा कि यह ”कई सिर वाले राक्षसÓÓ की तरह अपने पैर पसार रहा है और यह ”तब तक मौजूद रहेगा, जब तक देश राष्ट्र की नीति के तौर पर इसका इस्तेमाल करना जारी रखेंगे।
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