पीडि़तों एवं सर्व पक्षों से विचार मंथन के बाद गढ़ी जाएंगी नक्सलवाद की रणनीतियां – मुख्यमंत्री

जगदलपुर, 02 जनवरी (आरएनएस)। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने आज यहां कहा कि नक्सलवाद के मुद्दे पर पीडि़त पक्ष, स्थानीय पत्रकार, व्यवसायियों, मैदानी स्तर के जवानों एवं बुद्धिजीवियों, जिन्होंने इस समस्या को करीब से देखा और परखा है, उनसे विचार-विमर्श कर ही भविष्य की रणनीतियां तय की जायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 16 लाख किसानों के ऋण माफी के बाद राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्जदार किसानों की समीक्षा की जायेगी, उसके बाद ही यह निर्णय लिया जायेगा कि कितने किसानों के कितने ऋण माफ किये जायेें। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रत्येक कर्जदार किसानों के खाते में पैसा जरूर आयेगा। मोदी सरकार की घोषणा जैसा 15 लाख वाली कोरी बात नहीं होगी।

देश का पहला राज्य जहां पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होगा

श्री बघेल ने कहा कि बस्तर पत्रकारों के साथ अन्याय, अत्याचार के लिए चर्चाओं में रहता आया है। देश में छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का निर्णय लेते हुए कमेटी गठन का निर्देश दिया गया है। कमेटी में राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के साथ रिटायर्ड जज एवं स्थानीय पत्रकारों को भी शामिल किया जायेगा।

विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अब स्थानीय विधायक

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की परिपाटी को विलोपित करते हुए अब बस्तर एवं सरगुजा विकास प्रधिकरण में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चयन बस्तर के विधायकों से ही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास मंत्रणा समिति का गठन कर उसे शसक्त बनाया जायेगा, जिसकी प्रत्येक तीन माह में समीक्षा बैठक संपन्न होगी। प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत किया जायेगा और समस्त फैसले पंचायत एवं ग्राम सभाओं के माध्यम से लिये जायेंगे। तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य ढाई हजार मानक से बढ़ाकर चार हजार मानक कर दिया है।

बदले की कार्रवाई से बंद लोग रिहा होंगे

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के विरूद्ध जो बदले की कार्रवाई से प्रकरण दर्ज किये गये हैं, उनकी समीक्षा कर जो निर्दोष होंगे, उन्हें रिहा किया जायेगा। बहुत से प्रकरणों का शासन स्तर पर ही निर्णय ले लिया जायेगा।

वनाधिकार पट्टे प्रावधान में होगा संशोधन

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने वनाधिकार पट्टे के मामले में नीतियां लागू करते वक्त उसके प्रावधानों की गलत व्याख्या कर दी, जिसके कारण 8 लाख में 4 लाख आवेदन अपात्र माने गये। इस प्रावधान की दोबारा समीक्षा कर 2005 से पहले जो तीन पीढिय़ों से काबिज रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर पट्टा दिया जायेगा।

निर्माण कार्यों में स्थानीय को रोजगार

उन्होंने नगरनार स्टील प्लांट के मामले को लेकर कहा कि समस्त निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों को ही रोजगार के अवसर सुलभ कराये जायेंगे। अब तक यह देखा गया है कि गौण खनिज उत्खनन में अक्सर बड़े-बड़े ग्रुप बनाकर बाहरी ठेकेदार लाभ उठा लेते हैं, पर अब ऐसा नहीं होगा।

पशुपालकों और चरवाहों का होगा आर्थिक विकास

उन्होंने कहा कि सरकार ने नरवा, गरवा, धुरवा, बारी के विकास के लिए जंगल में घास लगाये जाने का फैसला लिया है, ताकि चारे की व्यवस्था हो, सब्जियां, फलदार एवं बेलनुमा जैसे पौधों का विकास हो और पशु-पक्षी तथा इंसान सबको इसका लाभ मिले। धोरई के मानदेय बढ़ाने सहित पशुओं की नस्ल सुधारने एवं दूध उत्पादन में बढ़ोतरी का भी निर्णय लिया गया है। गाय गोठान का सीमेंटीकरण किया जायेगा, जिससे पशुपालक गोबर गैस संयंत्र के साथ ही खाद उत्पादन बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा पायेंगे। गोबर खाद उत्पादन से जमीन की उर्वरा शक्ति में इजाफा होगा, जिससे कृषि लागत में कमी आयेगी।

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