1961 से अब तक के 13 दंगों की जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं
नई दिल्ली ,30 दिसंबर (आरएनएस)। केंद्रीय सूचना आयोग ने गृह सचिव को निर्देश दिया है कि 1961 से देश में हुए सांप्रदायिक दंगों पर 13 जांच आयोगों की रिपोर्टों की स्थिति का पता लगाने के लिए एक अधिकारी की तैनाती करें। इससे पहले मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि उनके पास रिपोर्टें नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त बिमल जुल्का ने यह निर्देश दिया।
भारद्वाज ने सांप्रदायिक दंगों पर विभिन्न जांच आयोगों या न्यायिक आयोगों की संपूर्ण रिपोर्टों पर जानकारी मांगी थी। सीआईसी ने गृह सचिव राजीव गाबा को निर्देश दिया कि वह उन 13 रिपोर्टों की स्थिति का पता लगाने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती करें जो मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हैं। भारद्वाज ने कहा कि मंत्रालय ने 2006 में सांप्रदायिक दंगों की जांच करने के लिए नियुक्त विभिन्न न्यायिक और जांच आयोगों की रिपोर्टों का अध्ययन करने के लिए राष्ट्रीय एकता परिषद का एक कार्य समूह गठित किया था।
उन्होंने कहा कि समूह ने 29 ऐसे मामलों की जांच की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्रालय की वेबसाइट पर 1961 से 2003 के बीच हुए दंगों के संबंध में 13 जांच या न्यायिक आयोग की रिपोर्टें नहीं मिलीं। लिहाजा भारद्वाज ने उनकी कॉपी के लिए आरटीआई आवेदन दायर किया। भारद्वाज ने अपने आवेदन के जरिए, 1961 के मध्य प्रदेश दंगों पर शिव दयाल श्रीवास्तव आयोग, 1967 के बिहार दंगों पर न्यायमूर्ति रघुबर दयाल आयोग, 1969 के गुजरात दंगों पर न्यायमूर्ति पी जे रेड्डी आयोग, 1974 के दिल्ली दंगों पर प्रसाद आयोग और 1985 के गुजरात दंगों पर न्यायमूर्ति वीएस दवे आयोग की रिपोर्टें मांगी थीं।
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