सेना के अधिकारी को बर्खास्त करने की सिफारिश

नई दिल्ली ,23 दिसंबर (आरएनएस)। आर्मी जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) ने रविवार को सेना के एक मेजर जनरल को दो साल पुराने यौन उत्पीडऩ के मामले में दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है।
जीसीएम की अध्यक्षता करते हुए ले.जनरल रैंक के अधिकारी ने तड़के सुबह साढ़े तीन बजे आरोपी अधिकारी को आईपीसी सेक्शन 354 अ और आर्मी एक्ट 45 के तहत दोषी मानते हुए अपना फैसला सुनाया। सेना के अधिकारी ने बताया कि मेजर जेनरल के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 354 के तहत मुकदमा चल रहा था मगर कोर्ट ने उन्हें सेक्शन 354 अ के तहत भी दोषी पाते हुए अपना फैसला सुनाया। दोषी अधिकारी के वकील आनंद कुमार ने कहा कि जीसीएम ने डिफेंस के केस को प्राथमिकता नहीं दी और अब वह कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि सबूतों को नजरअंदाज करते हुए फैसला जल्दबाजी में दे दिया गया। सेना के नियमों के मुताबिक जीसीएम की सिफारिश आर्मी स्टाफ के प्रमुख सहित उच्च प्राधिकरण को भेजी जाती है। प्राधिकरण को जीसीएम के फैसले को बदलने का भी अधिकार होता है। घटना 2016 के आखिरी दिनों की है जब दोषी मेजर जनरल पूर्वोत्तर में तैनात थे। ट्रिब्यूनल से अपनी अपील में अधिकारी ने खुद को षड्यंत्र का शिकार बताया था। सूत्रों की मानें तो उत्पीडऩ के आरोप कप्तान रैंक की एक महिला अधिकारी ने लगाए थे। दोषी अधिकारी ने पिछले सालों में सेना द्वारा किए गए कई ऑपरेशनों में भी हिस्सा लिया था। इससे पहले 2007 में एक मेजर जनरल को योग सीखाने के दौरान महिला अधिकारी को गलत ढंग से छूने के कारण सेना छोडऩी पड़ी थी।
खास बातें
आईपीसी सेक्शन 354 अ और आर्मी एक्ट 45 के तहत दोषी पाया गया।
घटना के वक्त दोषी मेजर जनरल पूर्वोत्तर में तैनात थे।
कप्तान रैंक की एक महिला अधिकारी ने लगाए थे।
उच्च प्राधिकरण के पास है फैसला पलटने का अधिकार।
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