बहराइच से सांसद सावित्रीबाई फुले ने छोड़ी भाजपा

नई दिल्ली ,06 दिसंबर (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फु ले ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफ ा देते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी समाज को तोडऩे का प्रयास कर रही है। यह खबर समाचार एजेंसी एएनआई ने दी है।
फुले ने संवाददाताओं से कहा कि अयोध्या में आरएसएस, विहिप और भाजपा द्वारा मुस्लिम, दलित एवं पिछड़ों की भावना को आहत करते हुए संविधान की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पुन: विहिप, भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठनों द्वारा अयोध्या में 1992 जैसी स्थिति पैदा कर समाज में विभाजन एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए आहत होकर वह भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं। सावित्रीबाई फुले की तरफ से यह कदम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से हनुमान की जाति पर की गई टिप्पणी के दो दिन बाद उठाया गया है। योगी आदित्यनाथ ने अलवर जिले के मालाखेड़ा में चुनावी रैली के दौरान यह कहा था कि बजरंगबली जंगल के निवासी थे जो वंचित और दलित थे। जिन्होंने उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी समुदायों को जोडऩे का काम किया था। फुले ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था कि अगर दलित भगवान हनुमान थे जैसे कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है, तो फिर दलितो को देशभर के हनुमान मंदिरों में पुजारी नियुक्त किया जाना चाहिए। बहराइच से सांसद चुनी गईं सावित्री बाई फुले ने 2012 में बीजेपी के टिकट पर बलहा (सुरक्षित) सीट से चुनाव जीता था और 2014 में उन्हें सांसद का टिकट मिला और वह संसद पहुंचीं। वह बीजेपी की दलित महिला चेहरा थीं। छह साल की उम्र में उनकी शादी कर दी गई थी लेकिन उनकी विदाई नहीं हुई। इसके बाद बड़े होने पर उन्होंने संन्यास ले लिया। जब बहराइच की सांसद सावित्रीबाई फुले से राम मंदिर के बारे में पूछा गया, जो काफी समय में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इस पर जवाब देते हुए फुले ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को इसलिए उठा रही है क्योंकि उसके बाद कोई अन्य मुद्दे नहीं है।
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