सुप्रीम कोर्ट ने दी 25 वर्ष से अधिक उम्र के छात्रों को नीट में बैठने की दी इजाजत

नई दिल्ली ,29 नवंबर (आरएनएस)। नीट 2019 परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 25 साल या उससे अधिक उम्र के परीक्षार्थियों को भाग लेने की इजाजत दे दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि ये दाखिले सीबीएसई के उम्र की सीमा तय करने के फैसले की वैधता पर ही निर्भर रहेंगे।
गौरतलब है कि नीट के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को आवेदन की तारीख एक हफ्ते और बढ़ाने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव पर 2017 में एमसीआई ने मुहर लगाई थी। इस नए नियमों के मुताबिक छात्र 25 साल तक इस परीक्षा में बैठ सकते थे। एमसीआई द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के तहत नीट में बैठने के लिए ऊपरी आयु सीमा सामान्य वर्ग के लिए 25 वर्ष और अजा, जजा, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा विकलांगों के लिए 30 साल कर दी गई थी। आयु की गणना के लिए प्रत्येक वर्ष 30 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई थी। जबकि न्यूनतम आयु प्रवेश के वर्ष में 31 दिसंबर तक 17 साल होनी चाहिए।
उम्रसीमा के हिसाब से नीट में बैठेंगे
नए नियमों के तहत उम्मीदवारों के लिए नीट में बैठने के लिए तीन प्रयासों की बाध्यता को खत्म कर दिया गया था। उम्र सीमा के हिसाब से अधिकतम प्रयास उम्मीदवार कर सकेंगे। यदि कोई सामान्य वर्ग का छात्र सत्रह साल की उम्र में पहली बार परीक्षा देता है तो उसे अधिकतम नौ मौके मिलेंगे। और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को 14 मौके मिलेंगे।
2017 से नीट देशभर में लागू
नीट को 2017 से देशभर में लागू किया गया था। तब यह बात उठी थी कि जिन छात्रों ने पूर्व में पीएमटी परीक्षा में हिस्सा लिया है, उन प्रयासों को गिना जाएगा या नहीं। तब सरकार ने कहा था कि नीट चूंकि 2017 से शुरू हो रहा है, इसलिए 2017 को पहला प्रयास माना जाएगा। लेकिन अब सरकार यह संख्या ही खत्म कर रही है। मंत्रालय के अनुसार इसी साल से इसे लागू कर दिया जाएगा। इस फैसले से छात्रों पर तीन बार में ही परीक्षा पास करने लिए पडऩे वाला दबाव कम होगा।
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