मूंगफली का अधिक सेवन बढ़ा सकता है डायबिटीज
गोरखपुर 25 नवम्बर (आरएनएस) । सर्दी के सीजन में भुनी हुई मूंगफली का सेवन सभी को पसंद है। डायबिटीज के मरीज भी मूंगफली का सेवन खूब करते हैं। टाइमपास के तौर पर माने जाने वाले मूंगफली का यह सेवन उनके सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे डायबिटीज असंतुलित हो जाता है।
मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ। आलोक गुप्ता ने बताया कि सर्दी के सीजन के साथ ही मूंगफली का बाजार सज जाता है। मूंगफली हाई एनर्जी डाइट में शुमार होती है। 100 ग्राम भूनी मूंगफली में एक लीटर दूध के बराबर प्रोटीन और ऊर्जा मिलती है। 250 ग्राम भूनी हुई मूंगफली में 250 ग्राम मीट से अधिक खनिज व विटामिन मिलते हैं। आमतौर पर लोग इसे अपने रूटीन डायट में नहीं जोड़ते। ठंड में लोग टाईम पास करने के लिए मूंगफली का सेवन करते हैं। यही वजह है कि डायबिटीज के मरीजों में भूनी हुई मूंगफली के ज्यादा सेवन से शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है।
उन्होंने बताया कि डायबिटीज के मरीजों कों सर्दी के इस सीजन में मटर या मूंगफली के सेवन में खासा एहतियात बरतना चाहिए। मूंगफली को भूनने के बजाए उबाल कर सेवन करना चाहिए। भूने हुए मटर का ज्यादा सेवन भी डायबिटीज के मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
बीआरडी मेडिकल कालेज के मानसिक रोग के विभागाध्यक्ष डॉ। तपस आइच ने बताया कि डायबिटीज से लंबे समय से जूझ रहे लोग मानसिक बीमारियों के शिकार हो जा रहे हैं। इसकी वजह है परहेज और दूसरी बीमारियां। आम तौर पर डायबिटीज के कारण मरीज को कुछ और बीमारियां हो जाती है। उसकी पाचन क्षमता प्रभावित होती है। नजर व दिल कमजोर होने लगता है। पैरों में दर्द होता है। ऐसे में मरीज चिडचिड़ा होने लगता है। वह अवसादग्रस्त हो जाता है। बीआरडी की ओपीडी में हर रोज करीब 10 से 15 मरीज ऐसे ही आ रहे हैं।
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