34 साल से आरोपियों को बचा रही थी कांग्रेस: रविशंकर
नई दिल्ली ,21 नवंबर (आरएनएस)। 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगा मामले पर कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति गरमा गई है। केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के नेता रविशंकर प्रसाद ने इस फैसले के बहाने कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने आरोप लगाया कि 34 साल से सिख दंगों के आरोपियों को बचाया जा रहा था। भाजपा ने 2015 में जो एसआईटी गठित की उसमें मामले की जांच ईमानदारी से की है जिसकी वजह से दोषियों को सजा हो सकी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कल दिल्ली के न्यायालय ने दो अपराधियों में से एक को फांसी और एक को उम्र कैद की सजा सुनाई है, इस फैसले से हमें संतोष है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि जब बरगद का पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है, कांग्रेस पार्टी ने आज तक उनके इस भाषण से अपने आप को अलग नहीं किया है।
आरोपियों के खिलाफ नहीं की गई कार्रवाई
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 34 साल में कांग्रेस पार्टी द्वारा योजनाबद्ध और सुनियोजित तरीके से इस बात की पूरी कोशिश की गई कि 1984 के नरसंहार के आरोपियों के खिलाफ कोई प्रमाणिक कार्रवाई नहीं हो। कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए 1985 में रंगनाथ कमिशन बनाया ओर उन्होंने अपनी जांच में कहा कि ये संगठित अपराध नहीं था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ अफसर भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके जिसके चलते ये हुआ। बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाकर पुरस्कार दिया था।
कांग्रेस से मांगा जवाब
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा की सरकार ने 2015 में एसआईटी बनाई, जिसकी वजह से कोर्ट का फैसला जल्द आया। उन्होंने कांग्रेस नेता कमलनाथ पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को जवाब देना होगा कि उन्हे पंजाब के प्रभारी पद से एक हफ्ते के अंदर क्यों हटाया। बता दें कि 1 नवंबर 1984 को महिलापुर इलाके में दो सिख युवाओं की हत्या के आरोप में पटियाला हाउस कोर्ट ने यशपाल सिंह को मौत की सजा और नरेश सहरावत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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