सबरीमाला फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली 48 याचिकाओं पर आज सुनवाई कर सकता है सुको
नई दिल्ली ,13 नवंबर (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को उन 48 याचिकाओं पर विचार कर सकता है, जिनमें केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति वाले उसके 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की पीठ ने 28 सितंबर को 4-1 के अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ करते हुए कहा था कि यह पाबंदी लैंगिक भेदभाव के समान है।
सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस आर. एफ. नरीमन, जस्टिस ए. एम. खानविलकर, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच सबरीमाला संबंधी फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली 48 याचिकाओं पर विचार करेगी। इन याचिकाओं के अलावा, इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली 3 अलग-अलग याचिकाएं सीजेआई गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के. एम. जोसेफ की बेंच के सामने खुली अदालत में सुनवाई के लिए रखी जाएंगी। शीर्ष अदालत ने 9 अक्टूबर को एक संगठन की पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया था।
सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल में काफी विरोध-प्रदर्शन हुए। कई संगठन कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं कई संगठन कोर्ट के फैसले के पक्ष में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रही केरल सरकार
इस बीच, केरल सरकार इस सप्ताह शुरू हो रहे वार्षिक तीर्थयात्रा सत्र से पहले सबरीमला मंदिर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक आयोजित कर सकती है। गौरतलब है कि रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर सबरीमाला मंदिर में गतिरोध जारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को पूजा की इजाजत मिलने के खिलाफ लगातार जारी विरोध की पृष्ठभूमि में सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा का मंदिर 17 नवंबर को 2 महीनों के लिए खुलेगा।