छग में कांग्रेस आने वाली नहीं, बस्तर में एक सीट भी आयी तो दाग लग जाएगा : नरेन्द्र मोदी

जगदलपुर, 09 नवंबर (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां कहा कि छत्तीसगढ़ की बस्तर की धरती की सभी सीटों पर सिर्फ  और सिर्फ  कमल ही खिलना चाहिए। अगर और कोई आ गया, हालांकि छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस आने वाला है ही नहीं, लेकिन बस्तर के किसी कोने मेें आ गयी तो, पूरे बस्तर के सपनों में दाग लगा देंगे। इसीलिए मेरे भाईयों-बहनों मुझे आपकी सेवा करना है, अटल बाजपेयीजी के सपने को पूरा करना है। उसे पूरा करने ही मैं बार-बार छत्तीसगढ़ और बस्तर आया हूं और आज भी दुबारा संकल्प दोहराने आया हूं कि जब तक मैं अटलजी के सपने पूरे नहीं करूंगा, तब तक चैन से बैठने वाला नहीं हूं। उन्होंने बस्तर की हल्बी भाषा में कहा कि मैं आपन मन के गुहार करेसें कि भाजपा के जमाए प्रत्याशी मन के कमल छाप में वोट देऊन जितावा।

श्री मोदी ने जगदलपुर में आयोजित एक महती चुनावी सभा में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारें पहले भी बनती थीं, लेकिन उनकी सोच तेरा-मेरा, अपना-पराया, बिरादारी-रिश्तेदार, परिवार उन सरकारों का कारोबार उन्हीं के हाथ में होता था। इन कल के नेताओं के क्रियाकलाप और उद्देश्य अपने सीमित क्षेत्र की भलाई करना ही होता था, ताकि कुनबा बना रहे, वोट की पेटियां भरती रहें और उनकी दुनिया चलती रहे। हमने उन परिवारों को बदल दिया है। अपने-पराए, शहर-गांव का भेदभाव छोडकऱ गरीब, पीडि़त, शोषित, युवा-बुजुर्ग की दीवारों को खत्म करके सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर चले। अब तेरे मेरे का खेल देश में कोई स्वीकार करने वाला नहीं है।

भाजपा के शासन में जो विकास हुए उसे देखकर सभी को आश्चर्य होता है कि ये कैसे हो गया। पहले की सरकार में इतने काम नहीं होते थे।  अब घर बनाना हो, खेती-बाड़ी हो बुढ़ापे की ओर जाना हो अथवा जीवन का कोई भी काम हो, आपके कोई  ऐसा काम नहीं, जिसमें हमारी सरकार आपके साथ खड़ी न रहती हो, आपकी मदद नहीं करती हो। गर्भाधान से मृत्यु तक सरकार आपके साथ खड़ी होती है, आपकी चिंता करती है। मैं बार-बार बस्तर आया हूं, आपके पास कुछ न कुछ योजना और विकास की बात लेकर आया हूं और उसी का परिणाम है कि कल तक जो सोच भी नहीं सकते थे, कभी विकास नहीं करते थे, नक्सल और माओवादी का नाम देकर कहते थे, वहां विकास हो नहीं सकता है।  हमने तयकिया वहां भी विकास होगा और विकास करके दिखा दिया। जिन बच्चों के हाथ में कलम होनी चाहिए, उन्हें बंदूक पकड़ा देते हैं, क्या वे राक्षसी प्रवृति के लोग नहीं हैं। राक्षसी मनोवृति के लोग उनके मां बाप के सपने तबाह कर देते हंै, जो स्कूल में आग लगा दें, अस्पताल में डाक्टर को काम न करने दें, वह राक्षसी मनोवृति नहीं तो और क्या है।

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