एक करोड़ की फिरौती के लिए दोस्त की हत्या कर हादसे की शक्ल देने की कोशिश
नई दिल्ली ,01 नवंबर (आरएनएस)। दिल्ली में 1 करोड़ की फिरौती के लिए 26 साल के कारोबारी की उसी के दो दोस्तों ने हत्या कर दी। आरोप है कि कारोबारी पवन बाटला को मंगलवार रात होंडा सिटी कार समेत मॉडल टाउन इलाके से अगवा किया गया। अपहरणकर्ता चलती कार में उन्हें काबू नहीं कर पाए तो बेरहमी से हत्या कर दी। हत्या को हादसे की शक्ल देने के लिए इलाके के आउटर रिंग पर पवन को फेंक दिया और दो बार कार चढ़ाई। इसके बाद कार को पीतमपुरा ले जाकर आग के हवाले कर दिया।
इस हैरतअंगेज वारदात को अंजाम देने के आरोप में पुलिस ने पवन के दो दोस्तों नितिन और मन्नू को गिरफ्तार किया है। नितिन को पवन ने 2.35 लाख रुपये ब्याज पर दिए थे। पैसे वापस मांगने का दबाव बनाया तो आरोपियों ने यह योजना बनाई। पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी अच्छे परिवार से हैं। पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से केस खोला। पवन की लास्ट कॉल में नितिन का नंबर था। इससे भी पुलिस को मदद मिली।
पवन बाटला की हत्या की गुत्थी बेशक 24 घंटे में सुलझा ली गई मगर इसकी तफ्तीश पुलिस के लिए बेहद पेचीदगी भरी थी। डीसीपी नूपुर प्रसाद के मुताबिक, अडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह की मॉनिटरिंग में एसीपी अशोक त्यागी व एसएचओ ओमप्रकाश व स्पेशल स्टाफ की टीम ने 100 से अधिक सीसीटीवी चेक किए। पवन के मोबाइल की लास्ट कॉल और सीसीटीवी सुराग से कातिल गिरफ्त में आए।
कौन हैं पवन बाटला
पवन परिवार समेत पॉश एरिया बी ब्लॉक मॉडल टाउन सेकंड में रहते थे। हडसन लेन में गारमेंट्स का शोरूम है। घर में पिता अश्वनी, मां व बड़े भाई मुकेश व उनकी पत्नी व बच्चे हैं। पवन की पिछले साल ही शादी हुई थी लेकिन रिश्ते में खटास आई। सीडब्ल्यूसी में केस चल रहा है। पवन के ही जानकार हैं आरोपी नितिन छाबड़ा व मन्नू जो निरंकारी कॉलोनी में रहते हैं और जींस के कारोबार से जुड़े हैं। पवन ने इनको 2 लाख 35 हजार रुपये ब्याज पर दिए थे।
क्या हुआ पवन के साथ
पुलिस के मुताबिक, रकम वापस मांगे जाने से परेशान नितिन और मन्नू ने एक करोड़ की फिरौती की साजिश रची। मंगलवार रात नितिन ने कॉल करके पैसे देने के लिए बुलाया। पवन रात को 8 बजे अपनी होंडा सिटी कार लेकर पापा से कहकर निकले कि काम से जा रहा हूं। मुखर्जी नगर होते हुए बत्रा सिनेमा के पास नितिन व आगे चलकर मन्नू कार में बैठे। तिमारपुर गांधी विहार होते हुए जब सूनसान जगह पहुंचे, दोनों ने पवन को अगवा करने के लिए बंधक बनाने की कोशिश की लेकिन पवन काबू नहीं आए। इसके बाद सिर में लोहे की रॉड से हमला कर दिया। कार के अंदर खून फैल गया। पवन को पीछे खींचा। नितिन कार चलाने लगा। इस बीच पवन जूझते रहे। धारदार हथियार से हमला किया। अधमरा समझकर आरोपियों ने निरंकारी ग्राउंड के पास फेंका। फिर कार को आगे-पीछे करके चढ़ाया, ताकि ऐक्सिडेंट की शक्ल दी जा सके। वहां से गुजर रहे राहगीर ने पीसीआर कॉल की।
पीतमपुरा में जला दी कार
पुलिस ऐक्सिडेंट की कॉल पर जांच कर रही थी, लेकिन रास्ते में पवन ने कैट्स ऐंबुलेंस के कर्मचारियों को अपना सिर्फ नाम बताया। जेब से मिले कार्ड के आधार पर पुलिस पिता से संपर्क साध पाई। परिजन अस्पताल पहुंच गए। कार की तलाश चल रही थी कि एक और कॉल पीतमपुरा में जली कार की मिली। मधुबन चौक के पास जल रही कार वही थी।
कैसे खुला हत्या का केस
पवन के मोबाइल में लास्ट कॉल रात 8:22 व 8:11 बजे की थी। पुलिस ने पवन के सारे दोस्तों को बुलाकर पूछा। लास्ट कॉल नितिन की थी। नितिन ने कहा कि सिर्फ फोन पर बात हुई थी। पुलिस को बत्रा सिनेमा के पास मिले सीसीटीवी में नितिन कार के अंदर बैठता हुआ दिखाई दिया। शक गहरा गया। वहीं एक टीम कार की लोकेशन पर सीसीटीवी चेक करती गई। इसमें कार को नितिन चलाता हुआ दिखाई दे रहा था। पुलिस ने सख्ती की। आरोपियों ने गुनाह कबूल कर लिया।
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