विवाहिता पुत्री को भी माना जाएगा परिवार का हिस्सा
रायपुर, 06 अक्टूबर (आरएनएस)। विवाहिता पुत्री को भी अब परिवार का अहम हिस्सा माना जाएगा, छत्तीसगढ़ राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति 2007 में उल्लेखित प्रभावित परिवार की परिभाषा को विलोपित करते हुए परिवार की नई परिभाषा प्रतिस्थापित की गई है। इसके अंतर्गत प्रभावित परिवार से आशय, कोई भी प्रभावित व्यक्ति, उसकी पत्नी या पति तथा अव्यस्क संतान और प्रभावित व्यक्ति पर आश्रित माता-पिता, विधवा बहन या अविवाहित पुत्री, पुत्र न होने पर विवाहित पुत्री शामिल होगी। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास में मंत्रिपरिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए इनमें छत्तीसगढ़ निशक्तजन वित्त एवं विकास निगम को राज्य शासन द्वारा स्वीकृत 36 करोड़ की प्रत्याभूति राशि पर लगने वाले 0.5 प्रतिशत प्रत्याभूति शुल्क की छूट प्रदान करने का निणर्एय लिया गया है। डीजल तथा पेट्रोल पर वेट की दर में कमी किए जाने संबंधी जारी अधिसूचना का अनुमोदन किया गया। कैबिनेट की बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2005-अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी एक वयक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह दृष्टि पत्र हमें याद दिलाता रहेगा कि हमारे कर्तव्यों और वचनों को,्र जिसे पूरा करने के लिए हम सब कृतसंकल्पित हैं। यह दृष्टि पत्र निर्णायक कदम है, जिसे आधार बनाकर वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ एक स्मार्ट, सशक्त, समृद्ध हरित और खुशहाल राज्य होगा। उन्होंने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ धु्रव तारे की तरह हमें हमेशा सही मार्ग पर चलने और सही फैसले के लिए प्रेरित करता रहेगा। शासन में कोई भी दल रहे, कोई भी मुख्यमंत्री रहे यह दृष्टि पत्र अटल रहेगा। यह दृष्टि पत्र हमारे प्रदेश को और भी बेहतर दिशा देने की क्षमता रखता है और मेरा पूर्ण विश्वास है कि हम छत्तीसगढ़ी अपने सपनों का छत्तीसगढ़ बनाने के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे।