बेरोजगारी भत्ता कमजोर वर्ग के युवाओं के लिए संजीवनी

बेरोजगारी भत्ता योजना

प्रतियोगी परीक्षा और अन्य जरूरी चीजों की हो रही पूर्ति
अब तक 112 करोड़ 43 लाख 30 हजार रूपए किए गए भुगतान

रायपुर, 01 अगस्त (आरएनएस)।  प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा बेरोजगारी भत्ता योजना की चौथी किश्त की राशि का अंतरण सोमवार 31 जुलाई को प्रदेश भर के 01 लाख 22 हजार 625 हितग्राहियों को 31 करोड़ 71 लाख रूपए की राशि सीधे उनके खाते में अंतरित की गई। बेरोजगारी भत्ता की अप्रैल, मई, जून और जुलाई माह की चार किश्तों को मिलाकर हितग्राहियों के खाते में अब तक 112 करोड़ 43 लाख 30 हजार रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।बेरोजगारी भत्ता पाकर युवाओं के चेहरे खिल उठे। किसी ने इसे भविष्य गढऩे के लिए आर्थिक योगदान बताया, तो किसी ने आगे की उच्च शिक्षा में होने वाले खर्च के लिए बहुत काम आने की बात कही। बेरोजगारी भत्ता कमजोर युवा वर्ग के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।
बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वालों में धमतरी की हिना यादव और नोमिता यादव चचेरी बहन हैं। हिना अभी गणित में एमएससी और नोमिता आर्ट्स में एम ए  कर रही हैं। दोनों ने बताया कि उन्हें अब तक बेरोजगारी भत्ते की चार किश्त प्राप्त हो चुकी है।
हिना ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति मजबूत नही होने के कारण पढ़ाई में अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। पिता के पास थोड़ी जमीन है, जिससे घर का गुजारा बड़ी मुश्किल से हो पाता है। मेरे अलावा मेरी 2 बहनों की भी पढ़ाई चल रही है।
इसी तरह नोमिता ने बताया कि पिता मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। हम दोनों बहन प्रतियोगी परीक्षा की भी  तैयारी कर रहे है। बेरोजगारी भत्ता मिलने से अब पुस्तक खरीदने में आसानी हो रही है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग के लिए प्रदेश सरकार की यह अच्छी पहल है, जिसके बूते उन्हें अपना भविष्य संवारने में काफी मदद मिल रही है। पढ़ाई के लिए माता-पिता पर निर्भरता व आर्थिक बोझ काफी हद तक कम हुआ है।
नोमिता और हिना ने बताया कि भत्ता के तौर पर मिलने वाली राशि से पढ़ाई के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सहायता मिल रही है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं, नोटबुक्स तैयार करने और अन्य व्यय के लिए वह उक्त राशि का उपयोग कर रही है।
राज्य शासन के प्रति आभार प्रकट करते हुए दोनों चचेरी बहनों ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता भविष्य को संवारने, गढऩे तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में होने वाले व्यय और मासिक खर्च के लिए वरदान साबित हो रहा है।

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