नये छत्तीसगढ़ के निर्माण में युवाओं के जोश और उत्साह की अहम भूमिका : मुख्यमंत्री
रायपुर, 02 अक्टूबर (आरएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि आज के युवा ही कल समाज और प्रदेश को नेतृत्व प्रदान करेंगे। प्रदेश के युवाओं का जोश और ऊर्जा नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह आज यहां पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर स्थित अटल बिहारी बाजपेयी आटिडोरियम में आयोजित युवा संवाद और प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नवा छत्तीसगढ़ 2025 के निर्माण के संबंध में प्रदेश के युवाओं से चर्चा की और उनके सुझाव भी लिए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले युवाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया।
डॉ. सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के निर्माण के समय छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य की श्रेणी में था। छत्तीसगढ़ के निर्माता और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने जिस कल्पना से छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था, राज्य सरकार द्वारा पिछले 15 सालों की विकास यात्रा में इस दिशा में उठाए गए कारगर कदम से आज छत्तीसगढ़ विकसित राज्य की श्रेणी में आ खड़ा हुआ है। सन् 2025 में जब छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा होगा तब छत्तीसगढ़ कैसा होगा इसके लिए अटल दृष्टि पत्र बनाया गया है, साथ ही नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए सभी वर्गो की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए उनके सुझाव लिए जा रहे है। इसी कड़ी में आज यहां युवाओं से चर्चा हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्काई योजना के तहत प्रदेश के पांच लाख युवाओं को स्मार्टफोन प्रदान किया गया है। ये फोन सिर्फ बातचीत का जरिया नही है बल्कि इससे एक नए युग का सूत्रपात्र हुआ है। आज प्रदेश में हर तरफ सड़कों का जाल बिछ गया है, रेल्वे, वायुसेवा और संचार सुविधाओं का विस्तार हुआ है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने अधिनियम बनाकर गरीब परिवारों को खाद्यान्न की सुरक्षा और युवाओं को कौशल विकास का अधिकार दिया है। प्रदेश के शतप्रतिशत परिवारों को स्वास्थ्य की सुरक्षा मुहैया करायी गई है। छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य है जहां आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी, एनआईटी, एम्स, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान है। अब यहां के बच्चों को बाहर पढऩे जाने की जरूरत नही पड़ती है। आदिवासी बहुल और नक्सल हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के बच्चे आज प्रयास विद्यालय के माध्यम से देश के प्रसिद्ध आईआईटी और एनआईटी में अपना भविष्य संवार रहे है। बालिकाओं को स्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा मुहैया कराने से महाविद्यालयों में छात्राओं के प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।