अटलजी में आंधियों में भी दीया जलाने की शक्ति थी : डॉ. रमन सिंह

रायपुर, 18 अगस्त (आरएनएस)। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री, भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को पं.दीनदयाल ऑडिटोरियम में शोकसभा का आयोजन कर विनम्र श्रद्धांजलि दी गई।
श्रद्धांजलि सभा में अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि एक जननेता की कैसे विदाई होती है हमने कल देखा है। इससे पहले ऐसा दृश्य जीवन में नहीं देखा था। अटलजी वैश्विक राजनीति के इतिहास के इकलौते व्यक्तित्व रहे, जिनकी लोकप्रियता का ग्राफ़ हमेशा ऊपर ही उठता रहा और मुख्यमंत्री ने अटल जी की पंक्तियां को ही उद्धृत करते हुए कहा कि वास्तव में अटल जी की मौत से ठन गई थी। वे पिछले नौ साल से वे मौत से दो-दो हाथ करते रहे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि करोड़ों लोगों के प्रिय अटल जी को मृत्यु भी अंतत: अधूरे मन से ही गई होगी। उन्होंने कहा कि आँधी में दीप जलाने की ताक़त अटल जी में थी। डा. मुखर्जी ने अटल जी को कहा कि कश्मीर की हालत जाकर देश को बताओ, उस दिन से अंतिम दिन तक अटल जी वही करते रहे। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित हम सबने अटल जी की प्रेरणा लेकर ही राजनीति में आना तय किया। पोखरण विस्फोट, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-केंद्र का विषय होते हुए भी उन्होंने शुरुआत की। साठ हज़ार करोड़ योजना स्वर्णिम चतुर्भुज से शहरों जोडऩे के साथ ही देश को जोडऩे का काम किया है। राज्यों का निर्माण कितना कठिन होता है यह हमने आन्ध्र प्रदेश को बनते देखा है। छत्तीसगढ़ का निर्माता चला गया. इन्हीं की वजह से राज्य निर्माण और विकास का सपना पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की हैसियत से कहे भाषण को कमल खिलने को हमें मूलमंत्र बनायेंगे। यह छोटा सा कूच है, अटलजी फिर आयेंगे. उन्हें कोई मार नहीं सकता, जला नहीं सकता है। वे विचारों के रूप में भी हम सबके बीच उपस्थित रहेंगे।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राजनीति में समन्वय के प्रतीक, चौबीस दलों के साथ सरकार चलाने वाले शुचिता की कमी वाले राजनीतिक क्षेत्र में, अगर चाहते तो एक वोट की व्यवस्था कर सकते थे लेकिन उन्होंने शुचिता और नैतिकता का उदाहरण क़ायम किया। दल और विचार की सीमा से ऊपर उठकर जो लोकप्रियता हासिल हुई अटलजी को, यह कल हमने देखा। उन्होंने कहा कि अटल जी जीवन में राष्ट्रवाद विचार की विशालता को जीते मजबूत राष्ट्र को गढऩे में संकल्पित रहे हैं। हमारे लिए अटल ही आस्था है और आस्था ही अटल है। जबकि नौ वर्ष से सक्रिय राजनीति से अलग रहने के बावजूद उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही रही। अटलजी मानवता के विश्वविद्यालय थे।
शोक सभा का संचालन करते स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे तुम मुझे ख़ून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा। जिसके बाद देश इक_ा हो गया था, ठीक उसी तरह अटल जी के नारे आप ग्यारह सीट दीजिए, मैं छत्तीसगढ़ दूंगा कहने मात्र से प्रदेश और संगठन खड़ा हो गया था।
संघ के प्रांत सह संचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने गीता का एक श्लोक उदृधृत करते हुए कहा कि अटलजी ने न तो कभी किसी को इरिटेट किया और न ही कभी इरिटेट हुए। लाभ और हानि में सम रहे हमेशा अटल जी। दुर्लभ ऐसा राजनीति में, लक्ष्य और जीवन एकरूप। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी के छत्तीसगढ़ प्रवास पर केन्द्रित फोटो प्रदर्शन व लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। शोकसभा में भारती बन्धु का कार्यक्रम हुआ।
इस मौके पर विस अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल, प्रदेश मोर्चा प्रभारी रामप्रताप सिंह, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, प्रदेश महामंत्री संतोष पाण्डेय व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, पुन्नूलाल मोहले, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, महेश गागड़ा, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर, सुनील सोनी, विधायक-श्रीचंद सुंदरानी, कार्यालय मंत्री सुभाष राव, राजीव अग्रवाल, छगन मुंदड़ा, दीपक म्हस्के, मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने, व समाज सेवी गणमान्य नागरिक, पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।

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