गिरदालपारा हाईड्रोपावर और मत्स्य प्रक्षेत्र केंद्र दुब्बाटोटा के हितग्राहियों ने किया मुख्यमंत्री का आभार

रायपुर, 19 मई (आरएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने सुकमा प्रवास के दौरान जिले में किए नवाचार से लाभान्वित हितग्राहियों और विभिन्न समाज के प्रमुखों से मुलाक़ात किए। इस मुलाक़ात में गीरदालपारा हाईड्रो पावर बेस्ट पमिंग और मत्स्य प्रक्षेत्र केंद्र दुब्बाटोटा के हितग्राहियों ने स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुलाकात में मुख्यमंत्री को जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर पर मलगेर नदी पर बने गिरदालपारा परियोजना का लाभ ले रहे कृषक परदेशी राम ने बताया कि उन्हें कभी भी इस बात की आस नहीं थी कि वे अपनी भूमि पर दोहरी फसल लेकर अतिरिक्त आय का लाभ कमा पाएंगे। पहले सिंचाई सुविधा नहीं थी जिसके कारण वे सीमित क्षेत्र मात्र में अपनी फसल लगा पाते थे। बरसात में भी फसल अच्छी नही होती थी, किंतु इस लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम की बदौलत अब अधिक रकबे में सिंचाई कर टमाटर, मिर्च आदि की फसल से लाभ कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय जिला प्रशासन को जाता है। प्रशासन की मदद से अब गिरदालपारा के कृषकों के जीवन में बदलाव की बयार आई है। सिंचाई सुविधा मिल जाने से दोहरी फसलों और उद्यानिकी फसलों की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ा है और अपने खेतों में मूंग, मक्का, टमाटर, बैंगन, मिर्च आदि की अच्छी पैदावार ले रहे हैं।
दुब्बाटोब्टा के मत्स्य प्रक्षेत्र केन्द्र के हितग्राही चिचोर राजू ने बताया कि सलवा जुडुम के दौरान जिले में नक्सल प्रभाव अपने चरम पर था, दुब्बाटोटा में मछली उत्पादन, कई शालाएं, आश्रम, भवन, घर सबकुछ तबाह हुआ। ग्रामीणों को अपने जीविकोपार्जन के साधन भी विवशता पूर्ण छोडऩे पड़े। इस हिंसा का शिकार दुब्बोटोटा स्थित मत्स्य प्रसंसकरण केन्द्र भी रहा, जहां 90 के दशक से मत्स्य उत्पादन कर मत्स्य पालकों का घर चलता था। नक्सल गतिविधियों के कारण वर्ष 2006 में मत्स्य उत्पादन का यह केंद्र पूर्णत: बंद हो गया। इस मत्स्य प्रसंसकरण केन्द्र का जीर्णोद्धार और मत्स्य हेचरी का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। अब यहां जल्द ही मत्स्य उत्पादन भी प्रारंभ हो जाएगा। जिला प्रशासन के प्रयास से एक बार पुन: दुब्बाटोटा गांव अपने पुराने स्वरुप में लौट आया है। अब दुब्बाटोटा के ग्रामीणों के जीवन में बदलाव निश्चित है।
स्टडी क्लब योगेन्द्र सिन्हा ने सुकमा जैसे दूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्र में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर माहौल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पुस्तकालय और कोचिंग की सुविधा मिलने से सुकमा जिले के युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए सहूलियत हो रही है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री बघेल ने कलार समाज, निषाद समाज, भगत समाज, महेश्वरी समाज, निषाद समाज, मुस्लिम समाज, साहू समाज, कुम्हार समाज, यादव समाज, धुरवा समाज, हल्बा समाज, माहरा समाज, क्षत्रिय समाज, कोया समाज, मुण्डा समाज, बंगाली समाज, उत्तर भारतीय समाज, जैन समाज, ईसाई समाज, दोरला समाज के प्रमुखों से मुलाकात कर अपनी समस्याओं के संबंध चर्चा की और ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री इस मौके पर सामाजिक भवन निर्माण के लिए धुरवा समाज, दोरला समाज, यादव समाज को 20-20 लाख और मगन समाज, निषाद समाज, मुस्लिम समाज को 10-10 लाख रुपए की स्वीकृति दी।

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