संस्कृत विश्व की प्राचीन भाषाओं में से एक : टेकाम
महासमुंद, 01 नवम्बर (आरएनएस)। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम शनिवार को ग्राम कोसरंगी स्थित आर्ष ज्योति गुरूकुल आश्रम में वैदिक संस्कृत विषय के शिक्षक प्रशिक्षण सप्ताह के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर डॉ. महंत रामसुंदर दास, विशेष अतिथि के रूप में गुरुकुल विद्यालय कोसरंगी के संस्थापक धर्मानंद सरस्वती उपस्थित थे। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि संस्कृत विश्व की प्राचीन भाषाओं में से एक है। प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में संस्कृत विषय पर अध्ययन कराया जाता है। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में संस्कृत की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है वहां शिक्षकों की व्यवस्था कर संस्कृत की पढ़ाई करायी जा रही है। उन्होंने रायपुर स्थित दूधाधारी मठ का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक ऐसी संस्था है, जिन्होंने प्रदेश में संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्यालय खोलने के लिए काफी प्रयास किया। संस्कृत से ही वैदिक कर्मकांड, ज्योतिष सहित अन्य विशेष कार्य कराए जाते हैं। मंत्री सिंह टेकाम ने कहा कि राज्य शासन द्वारा संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के विभिन्न स्कूलों एवं महाविद्यालय में संस्कृत की पढ़ाई नियमित रूप से करायी जा रही है। संस्कृत विषय लेकर कई लोग रोजगार एवं स्वरोजगार प्राप्त किए है। उन्होंने आगे कहा कि आगामी समय में प्रदेश में विद्यार्थियों के लिए कर्मकांड, योगदर्शन और ज्योतिष के लिए डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था करायी जाएगी उन्होंने आगे कहा कि यहां से संस्कृत में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षार्थी जन-जन तक संस्कृत के महत्व के बारें में लोगों को जरूर बताएं। इस अवसर पर मंत्री श्री टेकाम ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।