छत्तीसगढ़ में भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को संजोने मां कौशल्या के आंगन में समारोह की भव्य तैयारी

रायपुर, 05 अक्टूबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ में भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को संजोने मां कौशल्या के आंगन में समारोह की भव्य तैयारी जोरों पर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 7 अक्टूबर को चंदखुरी में राम वन गमन पर्यटन परिपथ का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही  बघेल माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर के विकास और सौन्दर्यीकरण का उद्घाटन भी करेंगे। इस अवसर पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय भव्य समारोह में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। स्थानीय लोक कलाकार और मानस मंडलियों भी समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर भगवान श्री राम के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ भ्रमण पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथÓ परियोजना के तहत विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत चंदखुरी गाँव में स्थित प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर को विकसित करने के प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है।
छत्तीसगढ़ की लोक कथाओं में भगवान राम एवं माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के अलग-अलग जगहों पर वनवास के दौरान आगमन से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। भगवान श्री राम से प्रेरित कहानियां और गीत यहां के समुदायों में पीढिय़ों से सुनाए और गाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल और उनकी माता कौशल्या का जन्म स्थान है। अयोध्या से वनवास के दौरान प्रभु श्री राम ने अपना अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया था। राज्य सरकार द्वारा भगवान राम और माता कौशल्या से जुड़ी यादों को संजोने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना की कल्पना की है। इस पर्यटन परिपथ को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों को अपने हर कदम के साथ धार्मिक परिवेश के साथ छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुन्दरता का अहसास हो सके। राजधानी रायपुर के करीब स्थित चंदखुरी गाँव के प्राचीन कौशल्या माता मंदिर में आयोजित उद्घाटन समारोह में संगीत, नृत्य के अलावा लेजर शो और एलईडी रोशनियों के जरिए भव्य लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। लाईट एंड साउण्ड शो के जरिए दर्शक भगवान राम के वनवास और वन गमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के उद्घाटन समारोह में नृत्य, संगीत, लेजर शो एवं एलईडी रोशनियों के जरिए प्रभु श्री राम के वनवास एवं छत्तीसगढ़ में उनके प्रवास की कहानी प्रस्तुत की जाएंगी।

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