रायपुर, 06 जुलाई (आरएनएस) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की वैभवशाली और समृद्ध संस्कृति के विभिन्न आयामों को सहेजने के लिए डिजिटल लाईब्रेरी तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इससे विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नई पहचान दिलाने में और भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति से परिचित कराने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोक संगीत, लोक नृत्य, लोक साहित्य सहित विभिन्न विधाओं के कलाकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां इस डिजिटल लाईब्रेरी में विशेषज्ञों की सहायता से संकलित की जाए। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित संस्कृति विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में अनेक वाद्ययंत्रों का प्रचलन रहा है, बहुत से लोगों को अब इनकी जानकारी नहीं है। ऐसे वाद्ययंत्रों की जानकारियां उनके नाम, बजाने की विधि आदि की जानकारी रिकार्ड कर डिजिटल रूप से संग्रहित की जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों के लोक नृत्यों, लोक कलाकारों के संबंध में भी जानकारी एकत्र की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना सहित संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे अधिक से अधिक युवा कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि शासकीय सांस्कृतिक कार्यक्रम केवल स्थापित कलाकारों को ही न मिले। नये और युवा कलाकारों और लोककला दलों को भी काम दिया जाएं। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य भी बैठक में उपस्थित थे।