रायपुर, 01 जुलाई (आरएनएस)। नीति और नीयत सही हो तो सफलता जरूर मिलती है। यह उक्ति आम लोगों के जीवन में ही सिर्फ लागू नहीं होती, बल्कि शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की सफलता की बुनियाद भी इसी पर टिकी होती है। राज्य में पशुधन विशेषकर गौ-माता की देखभाल और संरक्षण के लिए शुरू किए गए गरूवा कार्यक्रम के तहत गांवों में निर्मित गौठान और गोधन न्याय योजना की अपार लोकप्रियता और सफलता के पीछे छत्तीसगढ़ सरकार की नीति और नीयत ही है। अभी साल भर का अरसा भी नहीं बीता है कि राज्य में 1135 गौठान आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन गए हैं। इन गौठानों में गोबर की खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए अब शासन की मदद की जरूरत नहीं रह गई है। गौठान समिति और महिला समूह अपनी आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए सक्षम और आत्मनिर्भर बन गए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वावलंबी बने गौठानों की समितियों के सदस्यों और महिला स्व-सहायता समूह को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि राज्य के सभी गौठान धीरे-धीरे सक्षम और स्वावलंबी होकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभाएंगे।