मात्स्यिकी महाविद्यालय प्रदेश में प्रशिक्षण का केन्द्र बिन्दु बने- डॉ. रमन सिंह
रायपुर,08 जुलाई (आरएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज जिला मुख्यालय कवर्धा में शासकीय मात्स्यिकी महाविद्यालय के नए भवन और बालक एवं बालिका छात्रावास भवन का लोकार्पण किया। यह छत्तीसगढ़ का पहला मछलीपालन और मत्स्य विज्ञान कॉलेज है, जो लगभग चार वर्ष पहले शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सूचना क्रांति योजना के तहत मात्स्यिकी महाविद्यालय और शासकीय कृषि महाविद्यालय कवर्धा और निजी क्षेत्र के भोरमदेव कृषि महाविद्यालय के 120 विद्यार्थियों को लैपटॉप भी वितरित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने महाविद्यालयीन छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन कबीरधाम जिला ही नही बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा – प्रदेश के पहला मात्स्यिकी महाविद्यालय को स्वयं का भवन मिला है। पिछले चार साल से यह महाविद्यालय जिले में संचालित है। उन्होने कहा कि कबीरधाम जिले में अब शासकीय कृषि महाविद्यालय भी संचालित हो रहा है। राज्य सरकार ने इस महाविद्यालय के भवन निर्माण को प्राथमिकता में रख कर तेजी से काम कराया है। शिक्षा के क्षेत्र में जिले में व्यापक काम हुए है। शिक्षा विकास के मील के पत्थर होते है। उन्होने कहा कि जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि महाविद्यालय और मात्स्यिकी महाविद्यालय खुलने से अब किसानों को भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि इस संस्थान में बच्चें पढ़ाई कर आगे बढेंगे, लेकिन इसके साथ ही साथ इस संस्थान को प्रशिक्षण संस्थान के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। जिले के मल्लाह, केंवट सहित जिले के किसानों को कृषि, पशुपालन और मात्स्यिकी से संबंधित आजीविका से जोड़ने की पहल कर उन्हे प्रशिक्षण दिया जा सकता है। उन्होने कहा कि यह स्थान प्रदेश में प्रशिक्षण का केन्द्र बिन्दु बने ऐसे प्रयास भी होना चाहिए।
कृषि मंत्री, मछली पालन एवं जलसंसाधन विभाग के मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कबीरधाम जिले में संचालित मात्स्यिकी महाविद्यालय को आज चार साल बाद स्वयं का भव्य भवन की सौगात मिली है। उन्होने कहा कि देश का सबसे अच्छा संस्थान छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में संचालित हो रहा है। उन्होने कहा कि इस महाविद्यालय में 60 सीटे थी, जो अब इस वर्ष से 40 सीटे और बढ़ाई जाएगी। अब इस महाविद्यालय में सीट की संख्या 100 हो जाएगी। इस वर्ष से मात्स्यिकी महाविद्यालय में पीजी के दस सीटों से शिक्षा प्रांरभ होगी। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ कृषि, पशुपालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के पीछे मेहनतकश किसानों की कड़ी मेहनत है, जिसकी बदौलत आज प्रदेश को चार का कृषण कर्मण का पुरस्कार मिला है। उन्होने कहा कि पहले मछलियों के बीज प्रदेश के बाहर से मगाई जाती थी,लेकिन अब छत्तीसगढ से मछलियों के विभिन्न प्रजातियों की बीज प्रदेश के बाहर भेजने में सक्षम और सबल हुए है। उन्होने कहा कि प्रदेश में कृषि,मछलीपालन, गौ-पालन के क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं है।