चैत्र नवरात्रि के 5 वें दिन भक्त कर रहे स्कंद माता की आराधना

रायपुर, 17 अप्रैल (आरएनएस)। आज पांचवां दिन है। नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के माता स्कंदमाता के स्वरूप की उपासना की जाती है। माता स्कंदमाता अत्यंत दयालू हैं। कहते हैं कि देवी दुर्गा का यह स्वरूप मातृत्व को भी परिभाषित करता है। इनकी चार भुजाएं हैं। इनकी दाहिने तरफ की ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में हैं। दाहिने तरफ नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। बायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा वर मुद्रा में हैं और नीचे वाली भुजा में भी कमल है। स्कंदमाता का वाहन शेर है। स्कंदमाता कमल आसन पर भी विराजमान होती हैं, इसीलिए माता स्कंदमाता को पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है। देवी स्कंदमाता को भोग में केले का फल और खीर अवश्य चढ़ाएं।
माता स्कंदमाता की पूजा विधि नवरात्रि में आज के दिन सबसे पहले चौकी पर सफेद या लाल वस्त्र पर मां स्कंदमाता की स्थापना करें। इसके साथ कलश और अखंड ज्योत की पूजा करें। साथ ही नवग्रहों की भी पूजा करें। इसके साथ चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दूर्वा और सुहाग की सामग्री अर्पित करें। साथ ही फूलों की माला, धूप, दीप, नैवेद्य और पान-सुपारी जरूर अर्पित करें। पूजा करते समय दुर्गा शप्तशती का पाठ भी करें।

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