रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए मारामारी

रायपुर, 11 अप्रैल (आरएनएस)। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना के मरीजों को ऑक्जीजन लेवल डाउन होने पर रेमडेसीविर का इंजेक्शन लगाया जाता है. पहले 6 इंजेक्शन लगाए जाते हैं, इसके बाद 2 और फिर 4-5 दिन का कोर्स होता है. रेमडेसीविर को अलग-अलग दवा कंपनी बनाती है. कंपनियों के हिसाब से इंजेक्शन 900 रुपए से 4000 रुपए तक का मिलता है, लेकिन कोरोना के दूसरे लहर में मरीजों की संख्या में यकायक इजाफा होने से रेमडेसीविर की किल्लत हो गई है. न तो यह मेडिकल दुकानों में मिल रहे हैं, और न ही निजी अस्पताल में. हालत यह है कि जिन दुकानों में उपलब्ध है, वहां इसको लेने के लिए लोगों के बीच मारामारी की स्थिति है.
इंजेक्शन के लिए लोगों में अफ रातफ री
रेमडेसीविर की किल्लत की खबरों के बीच रायपुर के व्यस्त मेडिकल कॉम्पलेक्स में पता किया तो यकीन करना मुश्किल था कि तमाम दुकानों के बीच केवल एक ही मेडिकल दुकान में रेमेडसीविर उपलब्ध था, और वहां भी इंजेक्शन को लेने के लिए लोगों में आपाधापी मची थी. मास्क तो ठीक है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का कहीं कोई नामो-निशान नहीं था. लेने वाले भी मजबूर, दुकानदार भी मजबूर. लोग जिस कीमत में इंजेक्शन मिल रही थी बिना किसी बहस के उसे लेकर रवाना हो रहे थे, क्योंकि जब मरीज की जान बचानी तो को कीमत बेमायने हो जाती है.

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