अच्छी शिक्षा से होगा भावी पीढ़ियों का निर्माण : डॉ. रमन सिंह
रायपुर, 25 जून (आरएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज कहा कि भावी पीढ़ियों का निर्माण अच्छी शिक्षा से ही संभव है। शिक्षा के साथ संस्कार देने में शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों के घर-परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। द्रोणाचार्य, समर्थ रामदास, चाणक्य जैसे अनेक आचार्य हुए हैं, जिन्हें आज भी उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। इन गुरूओं ने शिक्षा के साथ साथ बच्चों को संस्कारित भी किया। मुख्यमंत्री आज रात यहां ’सुशिक्षा छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा-राज्य में सुशिक्षा की दिशा में अनेक प्रयास हुए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने तेजी से कदम बढ़ाया है। आज यहां के युवा राष्ट्रीय स्तर की इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं, वहीं संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं। कार्यक्रम का आयोजन एक प्राईवेट टेलीविजन समाचार चैनल न्यूज 18 द्वारा किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा – जब छत्तीसगढ़ बना तब यहां 30 हजार स्कूल थे आज इनकी संख्या बढ़कर 60 हजार हो गयी है। शिक्षकों की संख्या लगभग दो लाख 40 हजार हो गई है। इनमें से 50 हजार शिक्षक निजी शिक्षा संस्थानों के हैं। राज्य निर्माण के बाद यहां उच्च शिक्षा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य में आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई आई एम. और हिदायत उल्ला नेशनल ला युनिवर्सिटी जैसे सस्थानों की स्थापना हुई है। मेडिकल कालेज में सीटों की संख्या में बढ़कर एक हजार हो गयी है। इसी प्रकार नर्सिंग कालेजों की संख्या एक से बढ़कर 84 हेग ई है। दंतेवाड़ा के एजुकेशन हब की पूरे देश मंे चर्चा है। राज्य में शिक्षा के माध्यम से बड़ा परिवर्तन आ रहा है। स्कूली शिक्षा पर 12 हजार रूपए से ज्यादा का बजट उपलब्ध कराया गया है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा- आदिवासी क्षेत्रों में राज्य में पोटा केबिन और प्रयास विद्यालयों की स्थापना पूदे देश के लिए एक मॉडल है। राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल भवनों को नक्सलवादियों द्वारा ध्वस्त कर अंधेरे युग में ले जाने का प्रयास किया गया तब इन क्षेत्रों के बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर बनान कर प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं की पढाई शुरू की । माओवादियों ने यहां के लोगों को बंदूक दिया हमने यहां की नई पीढ़ी को स्टेस्थेस कोप दिया। प्रयास आवासीय विद्यालयों केे माध्यम से इन क्षेत्रों के प्रतिभावान बच्चों को बेहतर शिक्षा की व्यवस्था की। इससे इन बच्चों का चयन आईआईटी, मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में परचम लहराया।