रायपुर, 21 जनवरी (आरएनएस)।

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अपने गृह जिले छिंदवाड़ा प्रवास के दौरान अपने व्यस्ततम कार्यक्रम के बीच समय निकालकर छिंदवाड़ा के शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय पहुंची, जहां उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। वहां उन्होंने अपने पूर्व सहपाठियों जो अब शिक्षक और प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं, से मुलाकात की और पढ़ाई के पुराने दिनों को याद किया। अपने बीच पूर्व सहपाठी उइके को उपस्थित पाकर वे गदगद् हो उठे। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने इसी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और आज उनके मध्य राज्यपाल के रूप में आई हूं। आज मैं जिस स्थान पर पहुंची हूं, मेरे मित्रगणों और शुभचिंतकों की प्रेरणा से पहुंची हूं, जिसे मैं कभी भुला नहीं पाऊंगी।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे आज भी वो दिन याद है, जब इस कॉलेज में प्रवेश लिया था और इसी प्रांगण में उन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी। मैंने इस संस्थान में ही मैंने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की और छात्र राजनीति में कदम रखा तथा छात्र संघ के विभिन्न पदों पर कार्य किया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक मन से प्रयास करेंगे तो आपका ऐसा प्लेटफार्म मिलेगा, जहां पर अच्छा कार्य कर सकते हैं। इस शिक्षण संस्थान का और शिक्षकों का ही आशीर्वाद का प्रभाव मेरे कार्यशैली में परिलक्षित हुआ, जिसके कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें राज्यपाल का दायित्व सौंपने का निर्णय लिया। इस अवसर पर मैं सभी शिक्षकों को नमन करती हूं। आज कुछ शिक्षकगण यहां नहीं है परन्तु उनका आशीर्वाद सदैव मेरे साथ रहता है और रहेगा। राज्यपाल ने राष्ट्रीय सेवा योजना के वालेंटियर्स से मुलाकात की और उनका लोकनृत्य का प्रदर्शन देखा। उन्होंने महिला शिक्षकों से भी रूबरू हुई और उनका हालचाल जाना। राज्यपाल के सहपाठी रहे शिक्षकों ने कहा कि सुश्री उइके का व्यक्तित्व सरल और संवेदनशील है। वह इतने महत्वपूर्ण पद का दायित्व संभालने के बावजूद भी उनमें उनका प्रभाव नहीं देखा। वे आज भी एक मित्र और सामान्य नागरिक के जैसे ही मुलाकात करती हैं। उन्होंने राज्यपाल को महाविद्यालय आने के लिए धन्यवाद भी दिया। इस अवसर पर दौलत सिंह ठाकुर,  सत्येन्द्र ठाकुर,  प्राचार्य अमिताभ पाण्डे एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।