रायपुर, 11 जनवरी (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बारी योजना का बेहतर प्रभाव नजर आने लगा है। गौठानों मंे बनाये जाने वाले वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर बिलासपुर जिले के किसान श्री विनय शुक्ला ने अपने खेत को माहो यहां कीट के प्रकोप से बचाया, वहीं इस खाद के उपयोग से इस बार उसके खेत में 100 क्विंटल ज्यादा धान का उत्पादन हुआ है।     विनय ने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों को उम्मीद की रोशनी उन्होंने दिखाई है। नरवा, गरूवा, घुरूवा बारी और गोधन न्याय योजना हम जैसे किसानों के लिये वरदान है।   मां महामाया की नगरी रतनपुर के पास स्थित ग्राम भरारी के  विनय शुक्ला एक सम्पन्न किसान हैं। उनके पास 80 एकड़ जमीन है, जिसमें से 52 एकड़ में वे धान की खेती करते हैं। इस बार अगस्त से लेकर अक्टूबर-नवंबर तक आसपास के 11-12 गांवों के किसानों के खेत में माहो कीट का प्रकोप हुआ, जिससे उन्हें प्रति एकड़ 5 से 7 क्विंटल फसल का नुकसान हुआ। किंतु इस दौरान विनय की फसल सुरक्षित रही। क्योंकि उन्होंने अपने खेत में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया था। विनय ने बताया कि वे गांव के पूर्व सरपंच है। उसके गांव में जब गौठान बना तो गांव की महिलाएं गौठान में अपने आजीविका के लिये वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण करती थी। विनय ने उनसे वर्मी कम्पोस्ट खाद खरीदकर अपने फसलों में उपयोग करना शुरू किया। उसने 27 एकड़ खेत में करीब 20 क्विंटल वर्मी खाद डाला था। जिससे उसे दोहरा फायदा हुआ। एक तो माहो कीट के प्रकोप से फसल सुरक्षित रहा, वहीं खेत की उत्पादन क्षमता भी बढ़ी। उसने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट खाद के उपयोग से 25 एकड़ में 3-3 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता बढ़ी है। पिछली बार 800 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ था, इस बार 900 क्विंटल धान हुआ है।