बेमेतरा 22 दिसम्बर (आरएनएस)। प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा गौठान को आजीविका के ठौर के रुप मे विकसित करने की है। इसी क्रम मे जय मां सरस्वती महिला स्व सहायता समूह गोबर खाद से आत्मनिर्भरता हासिल की जिसकी उनको उम्मीद नही थी। छ.ग. शासन की महती योजना नरवा, गुरूवा, घुरूवा अउ बाड़ी अंतर्गत बेमेतरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत झालम में आदर्श गौठान में जय मां सरस्वती महिला स्व सहायता समूह के द्वारा गोबर से वर्मी खाद निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इस गौठान में कुल 30 नग वर्मी टांका स्थापित कराया गया है। जिसमें 10 टांको से लगभग 50 क्विंटल खाद का उत्पादन समूह के द्वारा किया गया है। शुरूआत में महिला समूहों को वर्मी कम्पोस्ट के विषय में जानकारी नही थी। इस हेतु उच्च कार्यालय, जनपद पंचायत बेमेतरा एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा महिला समूह को वर्मी खाद बनाने के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण एवं जानकारी दी गई। उन्होनें वर्मी खाद बनाने की विधि एवं उससे होने वाले फायदे के बारे में विस्तृत रूप से बताया, जिससे की महिलाओं की रूचि बढ़ी है। स्व सहायता समूह के महिलाओं ने रूचि लेकर मेहनत किया और उनकी मेहनत रंग लाई। आसपास के बड़े किसानो के पास जानकारी पहुंचते ही वर्मी खाद की मांग लगातार बढ़ने लगी है, इसी के फलस्वरूप आज महिला स्व सहायता समूह के द्वारा उत्पादित 50 क्विं. वर्मी खाद में से 41 क्विं. खाद की बिक्री तुरंत हो गई। जिसके विक्रय से महिला समूह को 42 हजार रूपये का लाभ हुआ। वर्मी खाद क्रय करने वाले किसान श्री मयंक दत्त ग्राम रामपुर ने 30 क्विं. खाद की खरीदी की एवं अपने खेतो में फसल के पूर्व खाद का छिड़काव किया। खाद की गुणवत्ता से किसान खुश है एवं अधिक से अधिक जैविक खेती की ओर अग्रसर है।
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