दुर्गा पूजा के भ्रमण पर लगाए प्रतिबंध पर आज होगा पुनर्विचार

कोलकाता,21 अक्टूबर (आरएनएस)। पश्चिम बंगाल की वैश्विक पहचान रही दुर्गा पूजा के भ्रमण पर कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर आज यानी बुधवार को पुनर्विचार होगा। सोमवार को उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी की एकल पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि राज्य के सभी दुर्गापूजा पंडालों को नो एंट्री जोन घोषित करना होगा और उसके बाहर नो एंट्री बोर्ड लगाना होगा। लोग पूजा घूमने के लिए घर से निकल सकते हैं लेकिन मंडप में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्हें कम से कम पांच से 10 मीटर की दूरी पर खड़े होकर मंडप देखना होगा और वापस चले जाना होगा।
दुर्गा पूजा पंडाल में केवल पूजा आयोजन से जुड़े लोग ही प्रवेश कर सकेंगे और उनकी भी सूची बनाकर प्रशासन को देनी होगी। हाईकोर्ट के इस फैसले की वजह से पूजा आयोजक मुश्किल में पड़े हुए हैं। दरअसल पश्चिम बंगाल में करीब 37000 दुर्गा पूजा होती है। पूजा पंडाल के लिए बड़े पैमाने पर चंदा तो एकत्रित किया ही जाता है।, इसके अलावा बड़े-बड़े उद्योगपति और छोटी बड़ी कंपनियां पंडाल परिसर में अपना विज्ञापन भी लगाती हैं।
अगर लोग ही भ्रमण करने के लिए नहीं आएंगे तो इससे ना केवल आयोजकों को भारी नुकसान होगा बल्कि पूजा का उत्साह भी शिथिल पड़ सकता है। महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के मद्देनजर हाईकोर्ट ने प्रतिबंध लगाया है। हालांकि इसके खिलाफ मंगलवार को फोरम फॉर दुर्गोत्सव ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है जिस पर आज यानी बुधवार को न्यायमूर्ति बनर्जी की पीठ में ही सुनवाई होगी।
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