चार तक ड्यूटी पर नहीं लौटी तो हड़ताली नर्सों की सेवाएं होंगी समाप्त
रायपुर, 02 जून (आरएनएस)। राज्य सरकार ने हड़ताली नर्सों को काम पर लौटने के लिए इस महीने की चार तारीख तक मोहलत दी है। सरकार ने निर्णय लिया है कि उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के लिए विधिवत नोटिस दी जाएगी। अगर वे चार जून तक अस्पतालों में ड्यूटी पर नहीं लौटेंगी, तो उनकी सेवाएं जनहित में समाप्त कर दी जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज शाम यहां बताया कि छत्तीसगढ़ परिचारिका कल्याण संघ के आव्हान पर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की नर्सें पिछले महीने की 18 तारीख से हड़ताल पर हैं। अधिकारियों ने बताया कि उनकी मांगों के संबंध में शासन स्तर पर प्रक्रिया विचाराधीन हैं। संघ की पदाधिकारियों से स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव ऋचा शर्मा, सचिव निहारिका बारिक सिंह और संचालक स्वास्थ्य रानू साहू ने समय-समय पर कई दौर की बातचीत की। अब तक विभिन्न जिलों में कई नर्सें काम पर लौट आयी हैं, जहां नर्सें हड़ताल पर हैं, वहां पर मरीजों की सेवा के लिए निजी नर्सिंग कॉलेजों की छात्राओं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के स्टाफ नर्सों की ड्यूटी लगाई गई है। स्वास्थ्य सेवाओं की संचालक रानू साहू ने बताया कि राज्य सरकार ने नर्सों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए वेतनमान से संबंधित मांग के बारे में अन्य राज्यों की स्थिति के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए समिति का गठन किया है। समिति दो माह के भीतर रिपोर्ट देगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखकर हड़ताली नर्सों से कई बार हड़ताल समाप्त करने और काम पर लौटने का अनुरोध किया, लेकिन आज तक हड़ताल पर हैं। राज्य सरकार ने जन-स्वास्थ्य को गंभीरता से लिया और आंदोलनरत नर्सों पर छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता (निवारण) अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया है।