चुनाव से पहले बिहार को पीएम मोदी ने दी सात विकास परियोजनाओं की सौगात

नई दिल्ली ,15 सितंबर (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को बिहार में शहरी अवसंरचना से जुड़ी सात महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शहरी गरीबों, शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोगों का जीवन आसान बनाने वाली आज शुरु हुई नई परियोजनाओं के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मुंगेर और जमालपुर में पानी की कमी को दूर करने वाली जलापूर्ति परियोजनाओं और मुजफ्फरपुर में नमामि गंगे के तहर रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट स्कीम का भी आज शिलान्यास किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मंगलवार को जिन चार योजनाओं का उद्धाटन किया, उसमें पटना शहर के बेउर और करमलीचक में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा अमृत योजना के तहत सीवान और छपरा में पानी से जुड़े प्रोजेक्ट्स भी शामिल है।
राष्ट्र निर्माण में बिहार का बड़ा योगदान: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के काम में बहुत बड़ा योगदान बिहार का भी है। बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है। बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है। उन्होंने कहा कि बिहार ऐतिहासिक नगरों की धरती है। यहां हजारों सालों से नगरों की एक समृद्ध विरासत रही है। प्रचीन भारत में गंगा घाटी के इर्द-गिर्द आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध और सम्पन्न नगरों का विकास हुआ।
उन्होंने कहा कि इसके बाद एक दौर ऐसा भी आया जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, राज्य के लोगों को आधुनिक सुविधाएं देने के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धताएं पूरी तरह बदल गईं। नतीजा ये हुआ कि राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोटबैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है जो प्रताडि़त है, वंचित है, शोषित है। बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ दशक से नीतीश जी, सुशील जी और उनकी टीम समाज के सबसे कमजोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है। जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है।
मूलभूत सुविधाओं में हो रहा सुधार
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है। मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है।
देशभर में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए गए
सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 1 साल में जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। आज देश में हर दिन 1 लाख से ज्यादा घरों को पाइप से पानी के नए कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई है। लेकिन कई दशकों से हमारी एक मानसिकता बन गई थी, हमने ये मान लिया था जैसे कि शहरीकरण खुद में कोई समस्या है, कोई बाधा है। लेकिन मेरा ऐसा मानना नहीं है। अगर कोई समस्या लगती है तो उसमें अवसर भी होता है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों का तो गंगा जी से बहुत ही गहरा नाता है। गंगा जल की स्वच्छता का सीधा प्रभाव करोड़ों लोगों पर पड़ता है। गंगा जी की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ही बिहार में 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने का अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इसमें पर्यटन के आधुनिक आयाम भी जुड़ते जा रहे हैं। बिहार सहित पूरे देश में 180 से अधिक घाटों के निर्माण का काम चल रहा है। इसमें से 130 घाट पूरे भी हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि छठी मैया के आशीर्वाद से हम बिहार के शहरी और ग्रामीण इलाकों, उनको गंदे जल और बीमारी बढ़ाने वाले जल से मुक्ति दिलाने के लिए जी जान से काम करते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया है उनमें से चार परियोजनाएं जल आपूर्ति से संबंधित है, दो जल-मल शोधन संयंत्र तथा एक परियोजना रिवर फ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया, ”इन सभी परियोजनाओं की लागत 541 करोड़ है। सभी परियोजनाओं का क्रियान्वयन बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीन बुडको द्वारा किया जा रहा है।
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