बढ़ेगा आलू का रकबा
0-अच्छा भाव मिलने से किसान उत्साहित
नई दिल्ली,12 सितंबर (आरएनएस)। रबी आलू की बुवाई जल्द शुरू होने वाली है और आलू का दाम इस समय आसमान चढ़ा है। ऐसे में बेहतर दाम मिलने की उम्मीदों से उत्तर भारत के किसान आलू की खेती में ज्यादा दिलचस्पी ले सकते हैं। उद्यान व बागवानी विशेषज्ञ बताते हैं कि किसान इस बार काफी उत्साहित हैं और रबी सीजन की अगैती फसल का अच्छा भाव मिलने की आशा से वे आलू की खेती में ज्यादा दिलचस्पी ले सकते हैं। रबी सीजन में उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, असम, छत्तीसगढ़, झारखंड और हरियाणा में आलू की खेती होती है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले और हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि उत्तर भारत में किसानों ने आलू की खेती की तैयारी शुरू कर दी है और कुछ दिनों में बुवाई शुरू हो जाएगी, रबी सीजन में आमतौर पर आलू की बुवाई सितंबर के आखिर में शुरू होती है और नवंबर तक चलती है, जबकि हार्वेस्टिंग दिसंबर से मार्च तक चलती है। डॉ. कुमार ने बताया कि बताया कि इसमें कहीं दो राय नहीं कि इस समय आलू का दाम ऊंचा होने से इसकी खेती में किसानों की दिलचस्पी बढ़ेगी जिससे खासतौर से उत्तर भारत में आलू की अगैती फसल का रकबा जरूर बढेगा। डॉ. कुमार ने कहा कि आलू की ऐसी कई वेरायटी अब आ गई है जो पहले से ज्यादा पैदावार देती है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान देश में आलू का उत्पादन 513 लाख टन हुआ, जबकि एक साल पहले 2018-19 में देश में आलू का उत्पादन 501.90 लाख टन हुआ था। उत्पादन ज्यादा होने के बावजूद इस साल इसके दाम में काफी इजाफा हुआ है। कारोबारी बताते हैं रबी सीजन के आखिर में जहां आलू पांच रुपये किलो था वहां आज 40 रुपये प्रति किलो के ऊपर बिक रहा है। कारोबारी बताते हैं कि कोरोना काल में इस साल आलू की खपत ज्यादा हुई और इस सयम मंडियों में आवक कम हो रही है। उत्तर प्रदेश में उद्यान विभाग के अधिकारी डॉ. धर्मपाल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बीते रबी सीजन में फसल तैयार होने के दौरान बारिश से फसल को कुछ नुकसान हुआ था जिससे उत्पादन थोड़ा कम हुआ था। उत्तर प्रदेश देश में आलू का सबसे बड़ा उत्पादक है। आलू के कुल उत्पादन का करीब 30 फीसदी उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आलू की खेती व्यापक पैमाने पर होती है। डॉ. यादव ने भी बताया कि आलू का दाम उंचा होने से इसकी खेती में किसानों की रुचि बढ़ेगी जिससे पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा रकबा हो सकता है। भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र यादव कहते हैं कि भाव बढऩे से किसान निस्संदेह आलू की अगली फसल लगाने को लेकर उत्साहित हैं, साथ ही बीज महंगा होने की चिंता भी उनको सता रही है। यादव ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि सब्जी के लिए इस्तेमाल होने वाले आलू का भाव जब उंचा होता है तो बीज का भाव भी बढ़ जाता है।
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