लोगों को जागरूक कर हेपेटाइटिस उन्मूलन को जनांदोलन बनाए सांसद: बिरला
0-विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर संसद में एम्पैथी कॉन्क्लेव कार्यक्रम
नई दिल्ली, 28 जुलाई (आरएनएस)। विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद भवन में यकृत एवं पित्त विज्ञानं संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंसेज) एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा आयोजित एम्पैथी कॉन्क्लेव 2020 कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस वर्ष के आयोजन का विषय था कोविड-19 के समय में अपने यकृत को सुरक्षित रखें। इस कार्यक्रम में संसद सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन में शामिल हुए। लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने संसद भवन में स्पीकर के चैंबर से कार्यक्रम में शारीरिक रूप से भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए बिरला ने उल्लेख किया कि कोविड-19 के इस कठिन समय में, सरकार ने इस बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं और इनके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोविड-19 की वैक्सीन जल्द ही तैयार हो जाएगी। बिरला ने कहा कि उन्हें भारतीय लोगों की शक्ति पर बहुत भरोसा है और जीत की राह कठिन हो सकती है लेकिन असंभव कभी नहीं। बिरला ने लोगों के बीच यकृत रोग के विषय में जागरूकता फैलाने के लिए जन प्रतिनिधियों की विशेष उत्तरदायित्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस एक बहुत ही गंभीर चुनौती है जिसे केवल सामूहिक प्रयास से ही दूर किया जा सकता है और इसके लिए जनप्रतिनिधियों खासकर संसद सदस्यों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इस विषय पर चर्चा करते हुए बिरला ने कहा कि कोविड-19 के कठिन समय में यकृत की देखभाल और सुरक्षा महत्वपूर्ण है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महामारी के विरुद्ध लड़ाई को जन आंदोलन बनाना है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस बीमारी के उन्मूलन के लिए वर्ष 2030 निर्धारित किया गया है तथा आशा है कि भारत इस महत्वपूर्ण उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम रहेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ हर्षवर्धन ने बिरला को हेपेटाइटिस उन्मूलन के लिए मंच प्रदान करने और इस कार्य के लिए अपना सम्पूर्ण समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोनावायरस संकट से निपटने के लिए 15000 करोड़ के स्वास्थ्य पैकेज की घोषणा की है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्वास्थ्य वित्तपोषण से संबंधित एक विशेष अध्याय को शामिल करने पर सहमति व्यक्त की है। इससे पहले, डॉ एस के सरीन ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और भारत में यकृत के स्वास्थ्य के महत्व और भारत में हेपेटाइटिस संक्रमण के स्तर पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने उल्लेख किया कि यकृत स्वास्थ्य का सीधा संपर्क मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से है, अत: यकृत की देखभाल अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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