भारत की भूमि पर आंख उठाने वालों को मिला करारा जवाब
0-पीएम बोले-मित्रता निभाना ही नहीं आंख में आंख डाल का जवाब भी देना जानता है देश
0-मन की बात में की प्राकृतिक आपदाओं की चर्चा
0-कहा-साल को खराब न माने चुनौतियों का सामना करना ही विकल्प
नई दिल्ली,28 जून (आरएनएस)। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर चीन को करारा जवाब मिलने का दावा किया है। मन की बात कार्यक्रम में चीन का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि भारत की भूमि पर आंख उठा कर देखने वालों को करारा जवाब मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डाल कर देखचना और उचित जवाब देना भी जानता है। इस कार्यक्रम में उन्होंने इस साल आए प्राकृतिक आपदाओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि चुनौतियों के कारण पूरे साल को खराब मानना उचित नहीं है। कितनी भी चुनौतियां आए उनका सामना करना ही विकल्प है।
चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़प केबाद बिहार रेजीमेंट की तारीफ करने वाले पीएम ने इस झड़प मेंं शहीद हुए कुंदन कुमार की चर्चा की। उन्होंने कहा कि शहीद के पिताजी के शब्द उनके कानों में अब भी गूंज रहे हैं। वो कह रहे थे देश की रक्षा के लिए अपने पोतों को भी सेना में भेजूंगा। यह हौसला सभी शहीद परिवारों का है। सेना ने अपने अदम्य साहस से बताया है कि मातृभूमि और देश की रक्षा के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं। सही मायने मेंं इन शहीदों के परिजनों का त्याग पूजनीय है।
पूरे साल को ना माने खराब
पीएम ने कहा कि इस साल कई आपदाएं आईं। कई लोग बोलते दिखे कि ये साल कब बीतेगा। यह साल अच्छा नहीं अशुभ है। इस साल देश ने कोरोना संकट देखा। इसी दौरान अम्फान, निसर्ग के रूप में समुद्री तूफानों का सामना किया। फिर टिड्डïी दल का हमला हुआ तो भूकंप से धरती कई बार कांपी। इसी क्रम मेंं पड़ोसी देशों से भी तनातनी हुई। लोग चाहते हैं कि यह साल जल्दी बीत जाए। मगर चुनौतियों के कारण साल को अशुभ कहना ठीक नहीं है। मुश्किलें-चुनौतियां आती रहती हैं। एक साल में चाहे 50 चुनौतियां आ जाएं, मगर इससे साल खराब नहीं होता।
आत्मनिर्भर बनने की सलाह
पीएम ने कहा कि चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए आत्मनिर्भर होना जरूरी है। कई लोगोंं ने आत्मनिर्भर बनने की चुनौती स्वीकार की है। यह आत्मनिर्भरता देश और सैनिकों को बड़ा मदद देगी। कोरोना संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है। अब अनलॉक भारत में अर्थव्यवस्था को मजबूती देनी है।
बुजुर्गों के साथ बिताएं समय
कोरोना संकट के दौरान पीएम ने घर के बुजुर्गों की खास ध्यान रखने की अपील की। उन्होंने खासतौर से घर के बच्चोंं से बुजुर्गों का वीडियो इंटरव्यू करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बच्चे बुजुर्गों से जानेंं कि वह कैसे त्योहार मनाते थे। चार-पांच दशक पहले देश कैसा था। इससे बच्चों को भी अतिरिक्त और सकारात्मक जानकारियां मिलेंगी।
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