आपातकाल में उस संघर्ष और यातनाओं को कभी नहीं भूलेगा देश:मोदी

नई दिल्ली,25 जून (आरएनएस)। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून की तारीख एक काली तारीख के तौर पर याद की जाती है, क्योंकि इसी दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। आज इसे 45 साल बीत चुके हैं।
वहीं, भाजपा इसे लेकर हमेशा से ही कांग्रेस को घेरती रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन लोगों को याद किया, जिन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया था। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा। भाजपा की तरफ से गुरुवार को एक वीडियो शेयर किया गया है। जिसका शीर्षक है- 25 जून 1975, आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय। इसके अलावा भाजपा ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, कांग्रेस की काली करतूत और भारतीय लोकतंत्र के सबसे दु:खद अध्याय 25 जून 1975 आपातकाल के विरोध में उठे हर स्वर का हृदय से वंदन।
एक परिवार के लालच ने देश को जेल में बदला:शाह
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 एक काली तारीख है। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। आज इसे 45 साल बीत चुके हैं। इसे लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक परिवार के सत्ता के प्रति लालच ने देश में आपातकाल लागू कराया। वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भारत उन महानुभावों को नमन करता है जिन्होंने इसका जमकर विरोध किया था। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि इस दिन 45 साल पहले सत्ता के लिए एक परिवार के लालच ने देश में आपातकाल लागू करवा दिया। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, भाषण सब खत्म हो गए। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए। लाखों लोगों के प्रयासों के कारण, आपातकाल हटा लिया गया था। भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था लेकिन यह कांग्रेस में अनुपस्थित रहा। एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है। वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।
लोकतंत्र की हत्या करने वाले आज सवाल उठा रहे हैं: जावड़ेकर
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। देश में 1975 में आपातकाल थोपे जाने को लेकर जावड़ेकर ने कहा कि जिन्होंने 45 वर्ष पूर्व लोकतंत्र की हत्या की, वे आज सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। जावड़ेकर ने आपातकाल लागू होने के 45 साल पूरे होने पर कहा, ‘मुझे आश्चर्य होता है कि जिन्होंने 45 साल पूर्व लोकतंत्र की हत्या की, आज वे सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने पूरे तंत्र को कुचल कर रख दिया, लोगों की आजादी छीन ली और हजारों लोगों खासकर विपक्षी लोगो को जेल भेज दिया, आज वे आजादी के नारे बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की राजनीति को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा। गौरतलब है कि देश में आपातकाल का समय 1975 से 1977 के बीच 21 महीने के काल को कहा जाता है, जिसे इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए लागू किया गया।
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