बाबा रामदेव ने बनाई कोरोना की दवाई
0-घर बैठे मंगवा सकेंगे कोरोना वायरस की दवा कोरोनिल
नई दिल्ली,23 जून (आरएनएस)। योग गुरु बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि ने मंगलवार को कोरोना वायरस के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल को लॉन्च कर दिया। पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि यह दवा 3-14 दिनों के अंदर कोरोना पीडि़त मरीजों का इलाज कर सकेगी।
हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में लॉन्चिंग के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल दवा का जिन कोरोना मरीजों पर ट्रायल किया गया, उनमें 69 फीसदी मरीज केवल तीन दिनों में ही पॉजीटिव से निगेटिव और सात दिन के अंदर 100 फीसदी रोगी संक्रमण से मुक्त हो गए। कोरोना का इलाज करने का दावा करने वाली कोरोनिल दवा को लोग घर बैठे भी मंगवा सकेंगे। इसके ऑर्डर करने के कुछ ही घंटे के अंदर दवा डिलिवर कर दी जाएगी। पतंजलि ने बताया है कि अगले सोमवार को दवा के ऑनलाइन ऑर्डर के लिए एक मोबाइल ऐप ऑर्डर मी लॉन्च की जाएगी, जिसके जरिए दवा खरीदी जा सकेगी। वहीं, जो लोग इसे ऑफलाइन स्टोर से खरीदना चाहते हैं, वे एक सप्ताह बाद पतंजलि के स्टोर से खरीद सकेंगे।
545 रुपये में मिलेगी कोरोना किट
दवा की लॉन्चिंग के दौरान आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि हमने इस दवा को और भी प्रभावी बनाने के लिए जड़ी-बूटियों के साथ खनिजों का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना किट के जरिए से भी कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है। एक कोरोना किट की कीमत सिर्फ 545 रुपये होगी और यह किट 30 दिनों के लिए होगी।
दिसंबर अंत से कोरोना की दवा पर कर रहे काम
पतंजलि ने बताया कि पिछले साल के दिसंबर महीने से कोरोना वायरस की दवाई को लेकर कंपनी काम कर रही है। इस दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में किया जा रहा है। पतंजलि ने बताया कि कोरोना टैबलेट पर हुआ शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
सरकार ने जांच होने तक कोरोना दवा के प्रचार पर लगाई रोक
कोरोना वायरस की दवा बनाने के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के दावों पर आयुष मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। मंत्रालय ने पतंजलि से कोरोना की दवा से जुड़े विज्ञापनों को बंद करने और इसपर अपने दावे को सार्वजनिक करने से मना किया है। सरकार ने कहा है कि जब तक इसकी विधिवत जांच नहीं हो जाती, तब तक इसके प्रचार-प्रसार पर रोक लगी रहेगी। कोरोना के इलाज के लिए पतंजलि की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय ने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि किस तरह के वैज्ञानिक अध्ययन के बाद दवा बनाने का दावा किया गया है। मंत्रालय ने इससे जुड़ी पूरी जानकारी मांगी है। सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि बिना मानक की जांच कराए हर तरह के विज्ञापन पर अगले आदेश तक रोक रहेगी। आयुष मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि की कथित दवा, औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून, 1954 के तहत विनियमित है। पतंजलि से कहा गया है कि वह नमूने का आकार, स्थान, अस्पताल जहां अध्ययन किया गया और आचार समिति की मंजूरी के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराए।
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