कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बाद भी पेट्रोल के दाम बढ़ाई : सुरजेवाला

0- पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाया जाए
नई दिल्ली ,14 जून (आरएनएस)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रणदीप ङ्क्षसह सुरजेवाला ने कहा है, कि भारत के 130 करोड़ लोग आज कोरोना महामारी से लड़ रहे है। गरीब, प्रवासी श्रमिक, दुकानदार , किसान , छोटे और मध्यम व्यवसायी और बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए लोग इस कठिन आर्थिक मंदी और महामारी की स्थिति में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे है, लेकिन इस सबके बावजूद जन विरोधी भाजपा सरकार हर रोज डीजल और पेट्रोल में दामों में वृद्धि का जनता पर बोझ डाल कर मुनाफाखोरी व जबरन वसूली कर रही है। पिछले 8 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 4.52 रुपये और 4.64 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है, जबकि कच्चे तेल की कीमतें बहुत कम है।
गौरतलब है, कि 26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता संभाली थी, तब भारत की तेल कंपनियों को कच्चा तेल 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल मिल रहा था, जो तत्कालीन डॉलर-रुपया के अंतराष्ट्रीय भाव के अनुसार 6330 रुपए प्रति बैरल बनता है, जिसका अर्थ है तेल लगभग 40 रुपए प्रति लीटर के भाव पर पड़ रहा है। यानि कुल लागत 20 रुपए प्रति लीटर से बहुत कम पड़ता है। यदि पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस के दामों में इसी अनुपात में कमी की जाए तो इनके दाम 50 प्रतिशत से ज्यादा कम हो सकते हैं।
उन्होंने मांग की है, कि घटे हुए अंतराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों का लाभ आम लोगों को मिलना चाहिए और पेट्रोल-डीजल-एलपीजी गैस की कीमतों को अगस्त 2004 के स्तर पर लाना चाहिए। पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाया जाना चाहिए। पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के अंतर्गत लाये जाने तक मोदी सरकार द्वारा बारह बार बढ़ाए गए उत्पाद शुल्क वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए।
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