हम आने वाली पीढिय़ों के लिए और भी बेहतर पृथ्वी छोड़ सकते हैं:मोदी
0-प्रधानमंत्री ने जैव विविधता को संरक्षित करने का किया आग्रह
नई दिल्ली,05 जून (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लोगों से विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पृथ्वी की जैव विविधता को संरक्षित करने का आग्रह करते हुए कहा कि हमें वनस्पति और जीवों को सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से यथासंभव कार्य करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर हम अपनी पृथ्वी की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिज्ञा को दोहराते हैं। आइए हम पृथ्वी पर साझा करने वाली वनस्पतियों और जीवों को सामूहिक रूप से सुनिश्चित करने के लिए जो भी संभव हो वह करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, हम आने वाली पीढिय़ों के लिए और भी बेहतर पृथ्वी छोड़ सकते हैं। गौरतलब है कि विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। और इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी) है। पिछले महीने ‘मन की बात’ के कार्यक्रम में उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था, कि इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस का विषय जैव विविधता है। वर्तमान परिस्थितियों में यह विषय विशेष रूप से प्रासंगिक है। मोदी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में लॉकडाउन के दौरान जीवन की गति थोड़ी धीमी हो गई है, लेकिन इसने हमें प्रकृति व हमारे आसपास की जैव विविधता की समृद्धता पर आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया है। प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण पर भी जोर दिया था और कहा, हम बार-बार इस बात को सुनते हैं कि जल ही जीवन है! यदि जल है तो कल है, लेकिन हमारे पास जल के प्रति भी एक जिम्मेदारी है। हमें वर्षा जल को बचाना होगा।
केंद्र सरकार ने शुरू किया शहरी क्षेत्रों में कार्यक्रम
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को ‘विश्व पर्यावरण दिवसÓ के मौके पर कहा कि शहरी क्षेत्रों में वन आवरण और फेफड़ों के काम करने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। कोविड-19 के मद्देनजर ‘विश्व पर्यावरण दिवसÓ पर ऑनलाइन ‘प्रकृति एवं जैव विविधताÓ विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने इस कार्यक्रम में भारत के 200 निगमों और शहरों के साथ मिलकर ‘नगर वनÓ एक कार्यक्रम शुरू किया और लोगों से सक्रिय रूप से भाग लेने तथा अपने क्षेत्रों में वृक्षों के आवरण को बढ़ाने का आग्रह किया। जावडेकर ने कहा कि हमारी जीवनशैली प्रकृति के साथ है। ग्रामीण क्षेत्रों में वन हैं लेकिन शहरी क्षेत्रों में उतने नहीं हैं। हमने 200 निगमों के साथ मिलकर आज ‘नगर वन कार्यक्रमÓ शुरू करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि शहरी जंगल, शहरी फेफड़ों के रूप में काम करेंगे। कार्यक्रम में मौजूद पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि सरकार ने इस साल 145 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य तय किया है। सुप्रियो ने कहा कि पेड़ लगाना बहुत जरूरी है। इस साल 145 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य है। हमें वनों की रक्षा करने और प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल को कम करने का संकल्प लेना चाहिए।
पारिस्थितिकी तंत्र के अंश-अंश को बचाने के हों प्रयास: नायडू
उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लोगों से जीवन के हर क्षेत्र में टिकाऊ समाधान तलाशने का आह्वान किया। धरती के सामने मौजूद पारिस्थितिकी संकट के मद्देनजर नायडू ने कहा कि जैव-विविधता को बचाने तथा पारिस्थितिकी तंत्र के अंश-अंश को बचाने के लिए प्रयास बढ़ाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों से न केवल जलवायु संकट से लड़ा जा सकेगा बल्कि खाद्य सुरक्षा, जल आपूर्ति एवं जनता की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। उप राष्ट्रपति के सचिवालय ने ट्वीट किया, ”इस विश्व पर्यावरण दिवस पर नयी शुरुआत करें। हम मिलकर जनता और पृथ्वी की कुशलता सुनिश्चित कर सकते हैं।
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