Homeराष्ट्रीयपर्यटन मंत्रालय ने सैलानियों के लिए पूर्वोत्तर भारत विषय पर वेबिनार आयोजित किया
पर्यटन मंत्रालय ने सैलानियों के लिए पूर्वोत्तर भारत विषय पर वेबिनार आयोजित किया
नईदिल्ली,29 मई (आरएनएस)। घरेलू और विदेशी सैलानियों के लिए अभी तक अछूता रहा भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र से परिचित कराने को लेकर 28 मई 2020 को पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश के तहत सैलानियों के लिए पूर्वोत्तर भारत विषय पर वेबीनार का आयोजन किया। इस दौरान चार पूर्वोत्तर राज्यों नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम और सिक्किम के वर्चुअल दौरे की पेशकश की गई। कोविड-19 जैसे कठिन समय में देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला देश के विभिन्न हिस्सों का वर्चुअल यात्रा के जरिये एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा दे रही है।
28 मई 2020 को देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के 25वें सत्र को कर्टन कॉल एडवेंचर्स की जूली कागती, ट्रैवलर इन चीफ, इंडिया ट्रेल के डेविड अंगामी, आवरगेस्ट.इन के सह-संस्थापक देवराज बरूआ, सह-संस्थापक मोनिउल गैदरिंग और सह-संस्थापक पिंट्सो ग्यात्सो ने प्रस्तुत किया।
प्रस्तुतकर्ताओं ने पूर्वोत्तर भारत के स्थानीय गंतव्यों, जनजातियों, त्योहारों, शिल्प, संस्कृति के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर पूर्व की विशेषता केवल पहाडिय़ों नहीं हैं, बल्कि यहां जानने-समझने और देखने के लिए और भी बहुत कुछ है।
कुछ ऐसे अनुभव जो उत्तर पूर्व भारत के यात्रियों को देखने मिलेंगे, जिन्हें वेबिनार के इस सत्र में प्रदर्शित किया गया। इसमें मणिपुर और नगालैंड के बीच स्थित दज़ुकौ घाटी शामिल है, जो एक विलुप्त ज्वालामुखी का प्रमाण है और सबसे बड़ी बात कि सबसे प्रसिद्ध ज़ुकोउली इस क्षेत्र में ही पाया जाता है। कोहिमा में हरेक साल 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक मनाया जाने वाला हॉर्नबिल त्योहार नागालैंड में घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया है।
सैलानियों के लिए उत्तर पूर्व का सबसे बड़ा राज्य अरुणाचल प्रदेश पर्यटन का बड़ा विकल्प है। इस राज्य के बारे में प्रस्तुतकर्ताओं ने अच्छे तरीके से बताया। 70 फीसदी वनों से घिरा और 26 प्रमुख जनजातियों के साथ यह राज्य सैलानियों को हर कुछ किलोमीटर के बाद नई संस्कृति, परंपरा और बोलियों का अनुभव करने का अवसर देता है। तवांग की सुंदरता, संगति घाटी जो आगंतुकों को परी-कथा के दृश्यों और लोसार त्योहार का अनुभव कराने का मौका देती है। लोसार त्योहार फरवरी में मनाया जाता है।
वेबिनार में असम की महिला केंद्रित कपड़ा क्षेत्र और स्थानीय लोगों के बारे में विस्तार से बताया गया।
००
About Author
rnsinodl