(भिलाई) पीएम मोदी की सुकन्या योजना पर पलीता लगा रहे एसबीआई के कर्मचारी

भिलाई, 21 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुकन्या योजना पर भारतीय स्टेट बैंक कर्मी पलीता लगा रहे हैं। निर्धन हो चाहे अमीर सभी बच्चियों के लिए प्रधानमंत्री ने उन्हें आर्थिक मजबूती प्रदान करने सुकन्या योजना के तहत राशि जमा कराने की पहल की थी, जिसका राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रतिसाद मिला था। किन्तु भारतीय स्टेट बैंक सेक्टर चार शाखा कर्मचारी कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन का अच्छा फायदा उठा रहे हैं। एक अल्पशिक्षित महिला अपनी बच्चियों के नाम से उक्त शाखा में सुकन्या जमा योजना के तहत राशि जमा कराने गई थी। सीडीएम में राशि जमा नहीं हो रही थी। फिर गार्ड का सहारा लिया। उसने भी असमर्थता जाहिर की। तत्पश्चात बैंककर्मियों से मार्गदर्शन लेने गए तो वहां शाखा प्रबंधक संगीता विक्टर सहित सभी कर्मचारी लंच पर चले गए। आधे घंटे के लंच अवर पौन घंटे तक भी समाप्त नहीं हुआ। अंतत: वह महिला निराश होकर अपने घर चली गई। वहां पर बैठी कुछ महिलाओं ने बताया कि वहां के कर्मचारी कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन का हवाला देते सोशल डिस्टेंसिंग की बात करते हुए बदतमीजी पर उतर आते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग तक तो ठीक है किंतु अनावश्यक चर्चा करते-करते बदतमीजी की बात करते हैं। अपमान का घूंट पीना पड़ता है। ज्ञात हो कि भारतीय स्टेट बैंक की ही सेक्टर दस शाखा में कार्यरत दिव्या किंडो ने कुछ दिनों पूर्व सोशल डिस्टेंसिंग पर लम्बा चौड़़ा भाषण मार दिया था लेकिन मार्गदर्शन नहीं किया अपितु खातेदार ग्राहक का अपमान किया था, जिसकी शिकायत से भी बैंक प्रबंधन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। सरकारी बैंक होने का दंभ वहां के कर्मचारियों और अधिकारियों पर दिखाई देता है। किसी भी कर्मचारियों पर सेवा का भाव या लक्षण दिखाई नहीं देता। अगर बैंक प्रबंधन की ओर से शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वह दिन दूर नहीं जब खातेदार-ग्राहक ही संगठित होकर इसका कुछ हल निकाले। बैंक प्रबंधन को चाहिए कि सभी शाखाओं में ग्राहकों या खातेदारों के लिए एक आदर्श आचार संहिता का उल्लेख करते हुए बैंक कर्मियों को शिक्षित करे ताकि आक्रोश का वातावरण निर्मित न हो।

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