आठ करोड़ से अधिक मजदूरों को मिलेगा मुफ्त अनाज का लाभ: पासवान
नई दिल्ली,17 मई (आरएनएस)। कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने फिलहाल आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को बिना किसी राशनकार्ड के दो माह तक मुफ्त अनाज देने का ऐलान किया है। पर आने वाले वक्त में सरकार इन मजदूरों तक लाभ पहुंचाने के लिए इन्हें कल्याणकारी योजना में शामिल कर सकती है।
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि यह राहत अभी दो माह के लिए है, कोराना की क्या स्थिति रहती है, उस बारे में तब निर्णय किया जाएगा। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारतीय खाद्य निगम ने सभी राज्यों को अनाज का आवंटन कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह योजना मई और जून के लिए है। ऐसे में राज्यों को राशन वितरित करने के बाद 15 जुलाई तक सभी का नाम भेज देना चाहिए। किसी राज्य में इसके बावजूद भी लोग बच जाते हैं, तो राज्य के आग्रह पर विचार करेंगे। हमारी कोशिश है कि हर व्यक्ति तक लाभ पहुंचे। रामविलास पासवान ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में 81 करोड़ लोग आते हैं। आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 89 करोड़ होती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके बाद कोई व्यक्ति लाभ के दायरे से बाहर नहीं रहेगा, पर इसके बावजूद भी राज्य सरकार और मांग करती है, तो हम उस पर संवेदनशीलता से विचार करने के लिए तैयार हैं। क्योंकि, देश में अनाज की कोई कमी नहीं है, पर सिस्टम की जरूरत है। यह सवाल किए जाने पर क्या इन प्रवासी मजदूरों को बाद में स्थाई राशनकार्ड जारी किए जा सकते हैं। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल यह योजना दो माह के लिए है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत 81 करोड़ लोगों को इसके दायरे में रखा गया है। पर अभी 49 लाख लोगों के राशनकार्ड नहीं बने हैं। राज्य सरकारों ने भी अपनी योजनाओं के लिए बड़ी संख्या में राशनकार्ड जारी किए हैं।
कूपन के जरिए मिलेगा राशन
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के साथ चर्चा की है। राज्यों ने बताया कि वह दो तरीके अपना रही हैं। पहला यह कि जिला मुख्यालय में प्रशासन लंगर चला रहा है और वहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर हैं। ऐसे में उन्हें वहीं खाद्यान्न दिया जा सकता है। इसके साथ कुछ राज्य प्रवासी मजदूरों को कूपन जारी कर रही हैं। इस कूपन के जरिए वह अपने क्षेत्र की किसी भी पीडीएस की दुकान से मुफ्त राशन ले सकते हैं।
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