मनरेगा योजना के तहत छोटी नदियों का होगा पुनर्जीवन
नई दिल्ली,03 मई (आरएनएस)। लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति एवं लोगों को रोजगार देने के लिये सरकार ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत छोटी नदियों के पुनर्जीवन के कार्य को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
इस विषय पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव, जल शक्ति मंत्रालय के सचिव, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय के सचिव द्वारा हस्ताक्षरित एक संयुक्त पत्र अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजा गया है। इसमें गृह मंत्रालय के आदेश का उल्लेख करते हुए कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के तहत जल से जुड़े कार्यो को अनुमति दिये जाने का उल्लेख किया गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान मनरेगा योजना के तहत पारंपरिक जल स्रोतों, जलाशय एवं जल से जुड़ी अन्य योजनाओं पर कार्य की अनुमति मिली है। इसमें मनरेगा के तहत छोटी नदियों के पुनर्जीवन के कार्य को आगे बढ़ाने पर खास जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि देश के लगभग हर क्षेत्र में काफी संख्या में छोटी छोटी नदियां हैं जो बड़ी नदियों के जल प्रवाह एवं अविरलता को बनाये रखने में सहायक होती हैं। इन छोटी नदियों को गाद और आसपास गंदगी जमा होने तथा अतिक्रमण के कारण खतरे का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में छोटी नदियों को पुनर्जीवित करने के कार्य को मनरेगा के तहत आगे बढ़ाए जाने का विचार आया। इस उद्देश्य के लिये दिशानिर्देश भी तैयार किए गए हैं। मिश्रा ने बताया कि प्रारंभ में यह कार्य गंगा नदी के तटीय क्षेत्र वाले राज्यों एवं जिलों में होगा। इसके तहत छोटी नदियों की पहचान कर एक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। साथ ही भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मैपिंग भी हो रही है। एनएमसीजी के महानिदेशक ने बताया कि आगामी सप्ताह में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये जिलाधिकारियों के साथ इस पर चर्चा की जाएगी। इससे एक तरफ नदी में जल प्रवाह सुनिश्चित होगा तो दूसरी तरफ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति एवं लोगों को रोजगार मिल सकेगा ।
००