प्रवासी मजदूर जल्द नहीं लौट सकेंगे अपने गांव
0-सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश जारी करने से किया इनकार
नई दिल्ली,27 अपै्रल (आरएनएस)। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की आवाजाही का मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच चुका है। सोमवार को न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। जिसमें केंद्र सरकार को मामले की जांच करने और दो राज्यों के बीच मजदूरों की आवाजाही के मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा कि इस जानकारी को कैसे सत्यापित किया जाएगा कि प्रवासी मजदूरों की आवाजाही बंद नहीं हुई है। इसपर याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वे लोगों को उनके मूल गांव वापस भेजेंगे। हालांकि गृह मंत्रालय की तरफ से किसी भी तरह की आवाजाही की इजाजत नहीं है। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि गृह मंत्रालय ने मजदूरों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि पिछले दिनों मंत्रालय ने मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया था। जिसमें मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति नहीं है। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए मजदूरों को कुछ शर्तों के साथ राज्य के अंदर उनके काम के स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की इजाजत नहीं होगी।
दरअसल भारत में कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए लॉकडाउन किया गया है। इससे वायरस को कुछ हद तक नियंत्रित कर लिया गया है। यह उतने खतरनाक तरीके से नहीं फैल रहा है, जितनी आशंका थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण देशभर में प्रवासी मजदूर जहां थे, वहीं अटक गए हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऐसा करने से स्वास्थ्य के प्रति गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा। कोर्ट ने भी मामले में तत्काल कोई निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र से एक हफ्ते के भीतर इस पर मांगा है कि क्या इन प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने का उसके पास कोई प्रस्ताव है।
प्रवासी मजदूरों से जुड़ी कई याचिकाएं कोर्ट में दायर की गई हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों की घर वापसी परर कोई भी निर्देश देने से इंकार कर दिया। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री जब सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे तो प्रवासी मजदूरों का मामला अहम हो सकता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा था कि वे मजदूरों के मामले पर पीएम मोदी से बात करेंगे। उन्होंने कहा था कि यह तो तय है कि ट्रेन नहीं चलेंगी, लेकिन मजदूरों को बसों से भेजने की योजना पर काम किया जा सकता है।
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