(महत्वपूर्ण)(रायपुर)मदिरा प्रेमियों को अभी और करना होगा इन्तजार ..

0- प्रदेश के मनोचिकित्सालयों में बढ़ रही है भीड़
रायपुर ,07 अपै्रल (आरएनएस)। जैसे ही कोविड-19 के दुष्प्रभाव से चीन के वुहान शहर तबाह हुआ। उसका असर समीपवर्ती देशों इटली, ईरान, अमेरिका समेत भारत पर भी पड़ा है। इससे बचाव हेतु भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इसका असर सबसे अधिक शराब प्रेमियों पर पड़ा है। लॉकडाउन के समय को कुछ लोग काट नहीं पा रहे है। घरेलू ङ्क्षहसा बढ़ रही है। जानकारी तो यहां तक आ रही है कि कुछ लोग मनोचिकित्सक के दरवाजे खटखटाने लगे है। मनोचिकित्सक का मानना है, कि एकाएक शराब छोडऩे का दुष्प्रभाव शरीर पर पड़ता है किंतु इसे दवाईयों से एकाएक रोका नहीं जा सकता। कालान्तर में इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। लॉकडाउन की समाप्ति के बाद भी शराब की दूकानें खुलेगी, इसमें संशय है। कुल मिलाकर शराब प्रेमियों को अभी मदिरा दुकाने खुलने का इंतजार करना होगा। भारत सरकारर ने कोविड-19 वायरस के चलते 21 दिन के लॉकडाउन का असर वैसे तो सभी वर्ग पर पड़ा है। चाहे मिस्त्री हो, घरेलू कामकाजी महिला, इलेक्ट्रानिक्स, किराने की दुकान, पेट्रोल पंप आपॅरेटर, साइकिल स्टोर्स, रेस्टोरेंट, होटल आदि किंतु सबसे अधिक असर मद्यप्रेमियों पर पड़ा है। अभी हाल ही में 72 घंटे पहले जानकारी मिली कि बेचैनी, छटपटाहट और शराब की तलब से सराबोर दो शराब प्रेमियों ने शराब की लत को बुझाने में स्पिरीट का सेवन कर लिया और अपनी ईहलीला समाप्त कर डाली। राजधानी रायपुर के बांस टाल इलाके के निवासी दो सफाई कामगारों ने शराब की तलब बुझाने विकल्प के रुप में आम तौर पर जनसुलभ स्पिरीट का सेवन कर लिया। कुछ घंटो बाद उन्हें अपनी गलती का अहसास होने लगा कि शराब का विकल्प स्पिरीट को चुनकर बड़ी गलती कर दी। अंतत: दो सफाई कामगारों को डॉक्टर भी नहीं बचा पाए। शराब के विकल्प के रुप में घर पर तैयार देशी शराब, महुआ एवं अन्य सुलभ साधनों से तैयार जैसे माड़ी आदि पीकर शराब की कमी दूर करने की चेष्टा प्राय: हर शराबप्रेमी करने लगे है। राजधानी रायपुर के समीपवर्ती औद्यौगिक क्षेत्र उरला, औद्योगिक तीर्थ भिलाई, सीमेंट कारखानों का गढ़ बन चुका बलौदाबाजार, प्रदेश में सबसे प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्रों में शुमार कोरबा, कुसमुण्डा, गेवरा, जांजगीर-चांपा क्षेत्र के कामगार अपनी गले की सफाई इन दिनों गुड़ और पानी से ही करने लगे है। इन दिनों लॉकडाउन के कारण मदिरा की दूकानें बन्द है। जिसका खामियाजा आम मद्यप्रेमियों को भुगतना पड़ रहा है। अपुष्ट सरकारी सूत्रों से पता चला है कि अगर 14 अपै्रल को लॉकडाउन समाप्त भी हो जाए तो भी मदिरा की दूकानें खुलने की घोषणा की जाएगी अथवा खुलेगी, इसकी संभावनाएं कम है। बताया जाता है कि शराब पीने के शौकिन प्रेमियों को अभी और इंतजार करना होगा। कुछ सूत्रों का मानना है, कि स्पिरीट पीकर अपनी जान गवां देने वाली घटनाओं के मद्देनजर मदिरा दुकानें खोली भी जा सकती है। अन्यथा इंतजार ही करना होगा। और इंतजार का फल मीठा ही होता है। बहरहाल केन्द्र सरकार के लॉकडाउन के आह्वान का छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की ओरर पूरी तरह मनोयोग से पालन किया गया है। सभी कोविड-19 प्रभावित मरीज एम्स से स्वस्थ होकर अपने होम क्वारंटीन में रहने लगे है। कोरोना के कारण आम जनमानस के खतरे को कम करने छत्तीसगढ़ का सरकारी तंत्र कामयाब रहा है, जिसके कारण ही कोरोना संदिग्धों की संख्या को बढऩे नहीं दे रहा है, आगामी दिनों में कोरोना की जंग में छत्तीसगढ़वासी जीत हासिल कर लेगें इसमें कोई संदेह नहीं है।
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