(महत्वपूर्ण)(नईदिल्ली)रेलवे में सुविधाएं बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र से सहयोग: रेल मंत्री
नई दिल्ली,13 मार्च (आरएनएस)। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल के निजीकरण के प्रयास के आरोपों को गलत बताते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार रेलवे का विस्तार करने, सुविधाओं को बढ़ाने एवं सुदृढ़ीकरण के लिये निजी क्षेत्र से सहयोग ले रही है। उन्होंने कहा कि पिछले करीब पांच वर्षो में रेलवे में निवेश संसाधन में ढाई गुणा एवं पूंजी व्यय में करीब तीन गुणा वृद्धि की गई है जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
लोकसभा में वर्ष 2020-21 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि आने वाले 12 वर्षो में रेलवे में 50 लाख करोड़ रूपये के निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार को जब इतनी बड़ी राशि लगानी पड़े तो सामाजिक कल्याण योजनाओं का क्या होगा और ऐसे में क्या जनता पर कर लगाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में समझदारी यह है कि निजी क्षेत्र का सहयोग लें, सस्ती ब्याज दर पर पैसा लाएं और निवेश करें ताकि रेलवे में सुविधाएं बढ़ें, विस्तार और सुदृढीकरण हो सके। गोयल ने कहा कि 2013-14 में 54 हजार करोड़ रूपये के बजट की तुलना में इस वर्ष बजट को बढ़ाकर 1.61 लाख करोड़ रूपया कर दिया गया। उन्होंने कहा कि रेलवे में बदली सोच के तहत 58 अति महत्वपूर्ण तथा 68 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया जो क्षमता उन्नयन, माल की गतिविधि, कोयला क्षेत्र आदि से जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 60-65 साल अगर सकारात्मक तरीके से काम होता, तब रेलवे की ऐसी हालत नहीं होती। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े पांच साल में किसी समस्या से मुंह नहीं फेरा बल्कि समस्याओं को सुलझाने का काम किया। उन्होंने पूर्वांचल, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 972 किलोमीटर आमान परिवर्तन का उल्लेख किया। पीयूष गोयल ने कहा कि 2013-14 में 600-625 किलोमीटर विद्युतीकरण कार्य हुआ था। हमने 6000 किलोमीटर विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा और 5200 किलोमीटर विद्युतीकरण का कार्य किया। रेल मंत्री ने कहा कि राज्य यदि परियोजनाओं के लिये जमीन अधिग्रहीत कर सौंपेंगे, वन मंजूरी देंगे तो रेलवे इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और बीजद के अनुभव मोहंती सहित कई सदस्यों ने रेल परियोजनाओं के लंबित होने के विषय को उठाया था। गोयल ने कहा कि रेलवे लाइन के लिये जमीन चाहिए। जमीन राज्य सरकार देती है। अगर जमीन नहीं होगी तब हवा में रेलवे लाइन नहीं बनेगी। उन्होंने लोकसभा के सभी सदस्यों को आगामी 30 मार्च को रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्टरी देखने का निमंत्रण दिया।
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